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मंसूबे नाकाम होने पर आक्रामक रवैया अपना रहे घुसपैठिये

मंसूबे नाकाम होने पर तस्कर व घुसपैठिये आक्रामक रवैया अपना रहे हैं.

गत दो महीनों में बीएसएफ के जवानों पर हमले की पांच बड़ी घटनाएं हुईं, जिनका बल ने दिया मुंहतोड़ जवाब

अमित शर्मा, कोलकाता

भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तस्करों के गिरोह और घुसपैठिये, अपने मंसूबे को पूरा करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. लेकिन उनके हर प्रयासों को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान विफल कर रहे हैं. मंसूबे नाकाम होने पर तस्कर व घुसपैठिये आक्रामक रवैया अपना रहे हैं. गत दो महीने यानी मार्च व अप्रैल में बीएसएफ, साउथ बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत आने वाले भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाकों में बल के जवानों पर हमले की प्रमुख पांच बड़ी घटनाएं हुईं. हालांकि, बीएसएफ के जवानों ने भी तस्करों काे मुंहतोड़ जवाब दिया. जिसमें एक बांग्लादेशी तस्कर ढेर हो गया, जबकि एक अन्य जख्मी हुआ था. वहीं हमले की घटना में बीएसएफ का एक जवान भी गंभीर रूप से घायल हुआ.

बीएसएफ के जवानों पर हुए हमले की घटनाएं

नौ मार्च को उत्तर 24 परगना की सीमा चौकी कलांची में हथियारबंद ड्रग्स तस्करों ने बीएसएफ की 143वीं बटालियन के जवानों पर जानलेवा हमला किया. जवानों की कार्रवाई में एक तस्कर घायल हो गया, जिसके बाद उसके साथी भाग खड़े हुए24 मार्च की देर रात मालदा स्थित सीमा चौकी एचसीपुर में बीएसएफ की 88वीं बटालियन के जवानों पर चार पशु तस्करों ने किया हमला, मजबूर होकर जवानों के पंप एक्शन गन (पीएजी) से फायरिंग करना पड़ा, जिसके बाद तस्कर भाग खड़े हुए. मौके से सात मवेशी भी जब्त किये गयेतीन अप्रैल को नदिया की सीमा चौकी महेंद्र में बीएसएफ की 194वीं बटालियन के जवानों पर हथियारबंद घुसपैठियों ने हमला कर दिया, जवाबी कार्रवाई में घुसपैठिए वापस खदेड़ दिये गये, लेकिन हमले में बीएसएफ का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गयानौ अप्रैल को मालदा स्थित सीमा चौकी आरके वाधवा में बीएसएफ की महिला प्रहरियों पर पशु तस्करों ने हमला कर दिया. हालांकि, प्रहरियों की जवाबी कार्रवाई में तस्कर खदेड़ दिये गये27 अप्रैल को उत्तर 24 परगना के सीमा चौकी मधुपुर इलाके में बीएसएफ की 59वीं बटालियन के जवानों पर ड्रग्स तस्करों ने जानलेवा हमला किया, जवाबी कार्रवाई में एक बांग्लादेशी तस्कर ढेर कर दिया गया.क्या

कहना है बीएसएफ के अधिकारियों का

बीएसएफ के अधिकारियों का कहना है कि बल के जवानों के कर्तव्य पथ पर ऐसी घटनाएं असामान्य नहीं हैं. बीएसएफ के जवान असाधारण साहस, सतर्कता और संयम के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं. बांग्लादेशी अपराधियों द्वारा बलपूर्वक घुसपैठ व हमलों के बारे में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को विभिन्न माध्यमों से आगाह और नियंत्रण के अनुरोध के बावजूद बांग्लादेशी अपराधियों के प्रयासों में कोई कमी नहीं आयी है. अनावश्यक जान माल की हानि से बचने के लिए लाइव राउंड के फायर से बीएसएफ जवानों के हर सम्भव परहेज को भी अपराधियों ने गलत रूप में लिया है और बल के संयम की परीक्षा ले रहे हैं.

आगाह करने के बावजूद बीजीबी का रवैया ठीक नहीं

बांग्लादेश की ओर से तस्करों द्वारा बीएसएफ पर हमले की घटनाओं को लेकर बाॅर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को बार-बार अवगत कराने व आगाह करने के बावजूद उसका रवैया काफी उदासीन है. कुछ घटनाओं में हमले के दौरान बीएसएफ की कार्रवाई में मारे गये बांग्लादेशी तस्करों को बांग्लादेश का नागरिक होने से भी बीजीबी के अधिकारी इनकार कर देते हैं. गौरतलब है कि बांग्लादेशी तस्करों के हमले को लेकर बीएसएफ बीजीबी को विरोध पत्र भी सौंप चुकी है और उनसे बांग्लादेश की सीमावर्ती इलाकों में तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की जा चुकी है.

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