संवाददाता, कोलकाताकवि सुभाष मेट्रो स्टेशन के खंभों में दरार देखे जाने के बाद स्टेशन को बंद कर दिया गया. सोमवार से ही वहां ट्रेनों का परिचालन नहीं हो रहा है. मिली जानकारी के मुताबिक कवि सुभाष स्टेशन के दोनों प्लेटफॉर्मों को तोड़कर नया प्लेटफॉर्म बनेगा. साथ ही पूरी बिल्डिंग भी तोड़ दी जायेगी. बुधवार को मेट्रो रेलवे की ओर से बताया गया कि भारत सरकार की नवरत्न कंपनी राइट्स के इंजीनियरों और मेट्रो के अधिकारियों की एक टीम ने कवि सुभाष स्टेशन के प्लेटफॉर्म का निरीक्षण किया था. उक्त निरीक्षण के बाद कवि सुभाष स्टेशन के अप प्लेटफॉर्म और उसकी छत को तोड़कर नये सिरे से बनाने का निर्णय लिया गया है. रेलवे का कहना है अप और डाउन दोनों प्लेटफॉर्म की छत और स्लैब को तोड़कर नये सिरे से उसे तैयार किया जायेगा. साथ ही पूरी बिल्डिंग भी तोड़कर नयी बनायी जायेगी. मेट्रो ने इस इस निर्माण कार्य को नौ महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा है. हालांकि जानकारों का कहना है कि नये प्लेटफॉर्म के निर्माण में कम से कम 9 से 10 महीने लगेंगे. यह समय एक साल से भी ज्यादा हो सकता है. कोलकाता मेट्रो ने इसके लिए ई-टेंडर भी जारी कर दिया है. 9.42 करोड़ की लागत से बनेगा नया स्टेशन : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नये स्टेशन को तैयार करने में 9 करोड़ 42 लाख रुपये की लागत आयेगी. यह निर्णय न केवल खंभों में दरारों, बल्कि प्लेटफॉर्म की स्थिति को देखते हुए भी लिया गया है. कवि सुभाष स्टेशन पर 21 खंभे हैं. 21 खंभों में से 4 खंभों में दरारें पायी गयीं हैं. एक अधिकारी का कहना है कि ऐसा नहीं कि केवल चार खंभों में ही दरार है बल्कि कवि सुभाष मेट्रो स्टेशन के कई खंभों में हल्की दरारें हैं. मेट्रो सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस स्टेशन पर कर्मचारियों की संख्या काफी कम थी, ऐसे में प्लेटफॉर्मों और स्टेशन का सही तरह से रखरखाव और निगरानी नहीं हो पा रहा था. इसी कारण से आज कवि सुभाष स्टेशन के प्लेटफॉर्म को तोड़ना पड़ रहा है. पहले भी मेट्रो स्टेशनों में देखी गयी हैं समस्याएं : उल्लेखनीय है कि पिछले जून माह में पार्क स्ट्रीट मेट्रो स्टेशन पर, बारिश का पानी डी-वॉल से होकर अंदर घुस आया है और भूमिगत स्टेशन पानी से भर गया था. चांदनी चौक और सेंट्रल मेट्रो स्टेशन के बीच के इलाके में बारिश का पानी झरने की तरह गिरता देखा गया था. कुछ महीने पहले, कवि नजरुल मेट्रो स्टेशन पर एक शेड तेज हवा में उड़ गया था, जिससे मेट्रो सेवाएं प्रभावित हुई थीं और अब कवि सुभाष स्टेशन के खंभों में दरार देखी गयी. मेट्रो का कहना है कि इस वर्ष महानगर में हुई रिकॉर्ड बारिश के कारण ऐसा हुआ है. पिछले पांच वर्षों में इस बार सबसे अधिक बरसात हुई है. जिसके कारण प्रभावित क्षेत्र में भू-आकृतियाें में बदलाव होने का संदेह है. विस्तृत संरचनात्मक मूल्यांकन के बाद राइट्स की सिफारिशों के आधार पर प्रभावित अप प्लेटफॉर्म को तोड़ने का निर्णय लिया गया है. ब्लू लाइन के दक्षिणी छोर पर आखिरी स्टेशन कवि सुभाष है. इस लाइन पर कवि सुभाष से दक्षिणेश्वर तक मेट्रो चलती है. इस लाइन पर प्रतिदिन हजारों यात्री यात्रा करते हैं. कवि सुभाष स्टेशन मुख्य रूप से न्यू गरिया क्षेत्र के लिये है. उस स्टेशन के बंद होने से दैनिक यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
उल्लेखनीय है कि 28 जुलाई को कवि सुभाष मेट्रो स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर स्थिति चार खंभों में दरारें देखे जाने के बाद स्टेशन को बंद कर दिया गया था. कवि सुभाष मेट्रो स्टेशन के अप प्लेटफॉर्म पर चार स्तंभों में दरारें देखी गयीं, जिसके परिणामस्वरूप मेट्रो रेलवे ने एहतियाती कदम उठाते हुए उसी दिन दोपहर 12:45 बजे से कवि सुभाष स्टेशन के लिए यात्री सेवाएं भी बंद कर दी गयीं.महज 15 साल में क्यों ढह रहा कवि सुभाष मेट्रो स्टेशन : शुभाशीष
कोलकाता. वर्ष 2010 में शुरू हुआ कवि सुभाष मेट्रो स्टेशन मात्र 15 वर्षों में ही जर्जर स्थिति में पहुंच गया, जिससे इसे आंशिक रूप से तोड़ने का निर्णय लेना पड़ा है. इस पर मेट्रो रेलवे प्रगतिशील श्रमिक कर्मचारी यूनियन के उपाध्यक्ष शुभाशीष सेनगुप्ता ने मेट्रो प्रशासन से तीखे सवाल किये हैं. उनका कहना है कि रखरखाव की भारी अनदेखी और पर्याप्त कर्मचारियों की नियुक्ति न होने के कारण यह स्थिति बनी है. बारिश का पानी बार-बार स्टेशन में घुसता रहा, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया. उन्होंने सवाल उठाया कि जहां एक भवन की आयु सामान्यत: 100 वर्ष होती है, वहां यह स्टेशन केवल 15 साल में कैसे जर्जर हो गया? सूत्रों के अनुसार, स्टेशन के 21 पिलर में से कई (पिलर संख्या 11, 16, 17 और 20) में गंभीर दरारें देखी गयी हैं, जबकि अन्य में हल्की दरारें हैं. श्री सेनगुप्ता ने निर्माण पूर्व सर्वेक्षण और प्रशासन की गंभीरता पर भी सवाल उठाये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है