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संकट में साथ देनेवाले शख्सियत थे कवि काजी नजरूल

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘विद्रोही’ कवि काजी नजरुल इस्लाम को सोमवार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह संकट के समय साथ खड़े रहनेवाले शख्सियत थे.

बोलीं मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने ‘विद्रोही’ कवि को जयंती पर अर्पित की श्रद्धांजलि

संवाददाता, कोलकाता

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘विद्रोही’ कवि काजी नजरुल इस्लाम को सोमवार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह संकट के समय साथ खड़े रहनेवाले शख्सियत थे. उनकी सरकार ने कवि के नाम पर अंडाल में एक ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का नाम रखा है और उनकी याद में एक विश्वविद्यालय भी स्थापित किया है. सीएम नेस सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा : विद्रोही कवि काजी नजरुल इस्लाम को उनकी जयंती पर मेरी हार्दिक श्रद्धांजलि. हमने कवि की याद में उनके नाम पर उनके जन्मस्थान के पास आसनसोल में काजी नजरुल विश्वविद्यालय का नाम रखा और उस क्षेत्र में हमने अंडाल में अपने ‘ग्रीनफील्ड’ हवाई अड्डे का नाम भी काजी नजरुल इस्लाम हवाई अड्डा रखा है.

राज्य सरकार ने बांग्ला साहित्य में उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए कोलकाता के न्यू टाउन में एक सांस्कृतिक केंद्र नजरुल तीर्थ और पश्चिम बंगाल काजी नजरुल इस्लाम अकादमी को कवि को समर्पित किया है. ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर लिखा : हमने कवि पर कई शोध पुस्तकें प्रकाशित की हैं. वह हमारे हमेशा याद किये जाने वाले, संकट के समय में खड़े रहने वाले कवि हैं.

बता दें कि काजी नजरुल इस्लाम का जन्म 1899 में हुआ था और उन्हें बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि के रूप में मान्यता प्राप्त है. वह एक ऐसे कवि और संगीतकार थे जिन्होंने फासीवाद और उत्पीड़न के खिलाफ तीव्र आध्यात्मिक विद्रोह को बढ़ावा देने वाली काव्य रचनाएं कीं. उन्होंने लगभग 4,000 गीतों (ग्रामोफोन रिकॉर्ड सहित) के लिए संगीत दिया जिन्हें सामूहिक रूप से ‘नजरुलगीती’ के रूप में जाना जाता है. उन्होंने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच भाईचारे की भी वकालत की.

मुख्यमंत्री ने गाया नजरूल गीत :

काजी नजरूल इस्लाम की जयंती पर महानगर में स्थित रवींद्र सदन में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस मौके पर विद्रोही कवि काजी नजरूल इस्लाम को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कार्यक्रम में शामिल हुईं. हालांकि, मुख्यमंत्री का समारोह में शामिल होने का कार्यक्रम नहीं था, लेकिन राज्य सचिवालय से निकलने के बाद मुख्यमंत्री सीधे रवींद्र सदन पहुंचीं. कार्यक्रम के दौरान राज्य के सूचना व संस्कृति राज्य मंत्री इंद्रनील सेन ने नजरूल गीत प्रस्तुत कर रहे थे, उसी समय मुख्यमंत्री ने उन्हें टोकते हुए कहा कि आप सही धुन पर नजरूल गीत नहीं गा रहे. इसके बाद मुख्यमंत्री ने नजरूल गीत गाया. इस मौके पर रूपंकर बागची, ईमन चक्रवर्ती, मनोमय भट्टाचार्य, राघव चट्टोपाध्याय, डोना गांगुली सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.

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