हावड़ा भगाड़ कांड के बाद सचेत हुआ नगर निगम
संवाददाता, कोलकाता .
हावड़ा भगाड़ में हाल ही में हुई अग्निकांड की घटना के बाद कोलकाता नगर निगम (केएमसी) हरकत में आ गया है. कोलकाता के धापा डंपिंग ग्राउंड में भी मिथेन गैस के कारण आये दिन आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं. ऐसे में किसी बड़ी दुर्घटना को रोकने के लिए केएमसी अब धापा को एक ””””””””साइंटिफिक लैंड फिल साइट”””””””” में बदलने जा रहा है. इसके लिए निगम धापा में भूमि का अधिग्रहण करेगा. इस योजना के क्रियान्वयन का जिम्मा गुजरात की एक संस्था को सौंपा गया है. ””””””””साइंटिफिक लैंड फिल साइट”””””””” बनने के बाद धापा डंपिंग ग्राउंड में पड़े सभी कचरे को पुनर्चक्रित किया जायेगा.
इस संबंध में, निगम के मासिक अधिवेशन में तृणमूल पार्षद विश्वरुप दे द्वारा पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में, निगम के ठोस कचरा प्रबंधन विभाग के मेयर परिषद सदस्य देवव्रत मजूमदार ने बताया कि निगम के डंपिंग ग्राउंड पर भारी दबाव है क्योंकि, महानगर से प्रतिदिन लगभग चार हजार मीट्रिक टन कचरा एकत्र किया जाता है. इसके अतिरिक्त, धापा में पानीहाटी से 140 मीट्रिक टन, हावड़ा से 300 मीट्रिक टन, बिधाननगर से 42 मीट्रिक टन और न्यू टाउन कोलकाता डेवलपमेंट अथॉरिटी (एनकेडीए) से 100 मीट्रिक टन कचरा भी डाला जाता है. इस कारण धापा पर अत्यधिक भार है. उन्होंने यह भी बताया कि श्रमिकों की कमी के कारण धापा में बायोमाइनिंग का कार्य भी पिछले छह महीनों से बंद है. उन्होंने कहा कि इस दबाव को कम करने के लिए ””””””””साइंटिफिक लैंड फिल साइट”””””””” की योजना बनायी गयी है. इसके साथ ही धापा में वर्तमान में कूड़ा पुनर्चक्रित भी किया जा रहा है. यहां प्लास्टिक के पुनर्चक्रण के साथ-साथ उर्वरक और फल, सब्जी व मांस-मछली से उत्पन्न कचरे से सीएनजी गैस तैयार की जा रही है.
कचरे से बनेगी बिजली
श्री मजूमदार ने सदन को सूचित किया कि अब बहुत जल्द यहां कचरे से बिजली भी तैयार की जायेगी. इसके कचरे से लोहा, एल्यूमीनियम और अन्य धातुओं जैसे पदार्थों को अलग किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इस प्रकार के कचरे से बिजली बनाने के लिए मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) और पावर डिराइव्ड फ्यूल (आईडीएफ) यूनिट स्थापित किये जायेंगे. इन इकाइयों का उद्घाटन भी शीघ्र ही किया जायेगा. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि थर्मोकोल का भी पुनर्चक्रण किया जाएगा. इसके लिए प्लांट तैयार हो चुका है और अगले महीने इसका उद्घाटन किया जायेगा. उन्होंने बताया कि थर्मोकोल से शर्ट के बटन और गेंदें बनायी जायेंगी. उन्होंने विश्वास जताया कि अगले पांच वर्षों में कोलकाता के डंपिंग ग्राउंड का स्वरूप पूरी तरह से बदल जायेगा और संग्रहीत सभी कचरे का पुनर्चक्रण भी किया जायेगा.
इधर मेयर फिरहाद हकीम ने संवाददाताओं को बताया कि धापा पूरी तरह से भर चुका है. अब कोलकाता के लिए एक दूसरा डंपिंग ग्राउंड तैयार किया जायेगा. इसके लिए निगम ने उत्तर 24 परगना के रसपुंज में जमीन चिह्नित की है. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार द्वारा हावड़ा के डंपिंग ग्राउंड में भी एक प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जायेगा.
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