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हिंदुस्तान मोटर्स की जमीन पर बनेगा रेल कोच कारखाना, कैबिनेट की मंजूरी

हुगली जिले के हिंदमोटर स्थित हिंदुस्तान मोटर्स की जमीन पर अब रेल कोच का उत्पादन होगा. पश्चिम बंगाल सरकार ने हिंदुस्तान मोटर्स की जमीन को टीटागढ़ रेल सिस्टम्स को आवंटित करने की मंजूरी दे दी है.

कोलकाता.

हुगली जिले के हिंदमोटर स्थित हिंदुस्तान मोटर्स की जमीन पर अब रेल कोच का उत्पादन होगा. पश्चिम बंगाल सरकार ने हिंदुस्तान मोटर्स की जमीन को टीटागढ़ रेल सिस्टम्स को आवंटित करने की मंजूरी दे दी है. सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. बताया गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने हिंदुस्तान मोटर्स की करीब 40.09 एकड़ जमीन टीटागढ़ रेल सिस्टम्स को 99 वर्षों के लिए लीज पर आवंटित की है.

बताया गया है कि पश्चिम बंगाल संपत्ति अधिग्रहण अधिनियम, 1953 की धारा 6(3) के अंतर्गत, राज्य सरकार ने हुगली ज़िले के उत्तरपाड़ा थाना अंतर्गत हिंदमोटर्स के कोठार और भवानीपुर मौज़ा और आसपास के क्षेत्रों में 40.09 एकड़ सरकारी ज़मीन टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड को दीर्घकालिक आधार पर आवंटित करने की मंज़ूरी दी है. जानकारी के अनुसार इस ज़मीन पर रेल कोच फ़ैक्टरी स्थापित करने और टीटागढ़ रेल सिस्टम्स की मौजूदा इकाई के विस्तार के उद्देश्य से 99 वर्षों (रखरखाव-मुक्त) के लिए आवंटन को मंज़ूरी दी गयी है. उद्योग जगत का मानना है कि इससे हुगली में रेल कोच निर्माण सेक्टर का विस्तार होगा.

उल्लेखनीय है कि हिंदमोटर स्थित हिंदुस्तान मोटर्स का कारखाना 2014 में बंद हो गया था. एंबेस्डर कार का उत्पादन भले ही बंद हो गया हो, लेकिन उसी परिसर के एक हिस्से में टीटागढ़ रेल सिस्टम्स द्वारा रेलवे कोच का निर्माण किया जाता है. अब मेट्रो रेल के कोच निर्माण के साथ-साथ ईएमयू एसी कोच निर्माण का नया ऑर्डर मिलने के बाद टीटागढ़ वैगन अपने कारखाने का विस्तार करने के लिए राज्य सरकार से जमीन आवंटित करने की मांग की थी.

क्या कहना है कि ट्रेड यूनियन के नेताओं का : इस बीच, हिंदुस्तान मोटर्स मजदूर आंदोलन से जुड़े भाजपा नेता पंकज राय ने कहा कि राज्य सरकार और हिंदुस्तान मोटर्स की संयुक्त उपेक्षा के कारण ही कारखाने का भविष्य अंधकारमय हो गया. आज भी लगभग ढाई सौ मज़दूरों को पीएफ और ग्रेच्युटी नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि यहां कारखाना खुल रहा है, यह तो ठीक है, लेकिन मजदूरों के बकाया राशि के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है. साथ ही हिंदुस्तान मोटर्स में कार्यरत कर्मचारियों व श्रमिकों को भी नये कारखाने में रोजगार प्रदान करने की बात नहीं कही गयी है. इंटक नेता अजीत चक्रवर्ती का कहना है कि राज्य सरकार ने मजदूरों की कभी कोई परवाह नहीं की, जिसकी वजह से हिंदुस्तान मोटर्स का यह हाल हो गया. उन्होंने कहा कि कंपनी की जमीन पर प्रोमोटिंग भी की गयी है, जो कि नियमों के खिलाफ है.वहीं स्थानीय सीपीआइ (एम) नेता आभास गोस्वामी ने कहा, उद्योग की ज़मीन पर उद्योग ही चाहिए, जो मज़दूर आज भी पे-रोल पर हैं, उन्हें काम में प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

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