कोलकाता. बुधवार को जहां दिनभर सियालदह मंडल में प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर ट्रेनों को रोक कर प्रदर्शन किया वहीं यह सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहा. गुरुवार सुबह से ही सियालदह दक्षिण शाखा में रेल अवरोध शुरू हुआ जो काफी समय तक चला. परिणामस्वरूप अप और डाउन लाइन पर रेल सेवाएं बंद हो गयीं. यात्रियों ने सुबह करीब छह बजे सियालदह की दक्षिणी शाखा पर डायमंड हार्बर लाइन पर ट्रेन रोककर विरोध प्रदर्शन शुरू किया. इसके बाद उत्तर राधानगर स्टेशन पर सुबह करीब 9:30 बजे कुछ डेली पैसेंजर रेल लाइन पर उतर गया और प्रदर्शन करने लगे. इसी दौरान धमुआ स्टेशन पर कुछ लोगों ने ओवरहेड तारों पर केले के पत्ते फेके. बड़ी संख्या में केले के पत्तों को फेके जाने से शार्ट सर्किट के कारण विद्युत सप्लाई बंद हो गयी और एक बार फिर परिचालन रद्द करना पड़ा. ऐसे में सुबह 9:37 बजे डायमंड हार्बर स्टेशन से रवाना होने वाली डायमंड हार्बर लोकल रवाना नहीं हो पायी. सुबह 9:15 बजे मगराहाट स्टेशन के साथ अन्य स्टेशनों पर भी प्रदर्शनकारी जुटे और प्रदर्शन किया. यहां पर प्रदर्शनकारियों ने रेलवे लाइन पर कंक्रीट का स्लीपर रख दिया. घटना की जानकारी होते मौके पर भारी दलबल के साथ आरपीएफ और जीआरपी के साथ रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे. स्थानीय लोगों की मदद से रेल लाइनों से स्लीपर्स को हटाया.
लगातार तीन दिनों से सियालदह मंडल में ऑफिस टाइम में हो रहे प्रदर्शन के कारण दैनिक यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है. रेल अवरोध के कारण ट्रेनों के रद्द होने और देरी से रवाना होने के कारण यात्रियों की काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रेन में महिला डिब्बों की संख्या बढ़ा दी गयी है, लेकिन कुल डिब्बों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है. जिसके कारण पुरुष यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
प्रदर्शनकारी यात्रियों की मांग है कि रेलवे सियालदह मंडल में ट्रेनों में डिब्बों की संख्या बढ़ाये और दो ट्रेनों के बीच समय अंतराल कम करने. गौरतलब है कि बुधवार को स्थानीय लोगों ने नामखाना-लक्ष्मीकांतपुर लाइन पर रेलमार्ग अवरुद्ध किया था.
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