बीएससी परिणाम के आधार पर डायरेक्ट सेकंड इयर में एडमिशन बंद, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में नये कोर्स की तैयारी
संवाददाता, कोलकाता. कलकत्ता विश्वविद्यालय (सीयू) ने इस वर्ष से बीएससी स्नातकों को उनके परिणाम के आधार पर बीटेक कार्यक्रम में सीधे दूसरे वर्ष में प्रवेश देने की पुरानी व्यवस्था को पूरी तरह खत्म कर दिया है. अब ऐसे अभ्यर्थियों को पश्चिम बंगाल संयुक्त प्रवेश परीक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित जेइएलइटी (ज्वाइंट इंट्रैंस फॉर लैटरल एंट्री टेस्ट) परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य होगा.बीएससी आधारित प्रवेश बंद करने के पीछे वजह : सीयू के इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के सचिव अमित रॉय के अनुसार, बीएससी के अंक के आधार पर बीटेक में प्रवेश की प्रक्रिया अब एआईसीटीई द्वारा स्वीकृत नहीं है. इसके अलावा, बीएससी के अंतिम सेमेस्टर का रिजल्ट अक्सर देरी से आता है, जिससे कक्षाओं की समय पर शुरुआत नहीं हो पाती थी. सचिव ने कहा कि वे प्रवेश प्रक्रिया में एकरूपता चाहते हैं, इसलिए अब बीएससी स्नातकों को भी जेईई आधारित टेस्ट के जरिये ही प्रवेश लेना होगा.
बीएससी स्नातकों के लिए अब अतिरिक्त सीटें : पिछले साल तक विश्वविद्यालय की सभी 424 बीटेक सीटों में से लगभग 40 प्रतिशत सीटें बीएससी स्नातकों के लिए आरक्षित रहती थीं, जिन पर उन्हें सीधे दूसरे वर्ष में प्रवेश मिलता था. हालांकि, पिछले वर्ष से ही सभी बीटेक कोर्सों को चार वर्षीय कार्यक्रमों में बदल दिया गया है. अब बीएससी छात्रों के लिए अलग से 10 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें आरक्षित रखी जायेंगी, लेकिन इन सीटों पर भी प्रवेश केवल जेइएलइटी के जरिये ही होगा.नया बीटेक कोर्स: इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग : सीयू ने एमटेक स्तर पर चल रहे इलेक्ट्रॉनिक्स साइंस कोर्स को बंद कर उसकी जगह चार वर्षीय बीटेक इन इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग शुरू करने का फैसला किया है. कंप्यूटर साइंस विभाग के एक प्रोफेसर ने बताया कि चार वर्षीय कोर्सों की बढ़ती मांग और रोजगार के बेहतर अवसरों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. इस नये कोर्स के लिए 20 सीटें प्रस्तावित हैं और एआइसीटीइ से अनुमति मिलने के बाद अगले साल से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो सकती है.
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