तृणमूल नेताओं के साथ अभिषेक ने की वर्चुअल बैठक, एसआइआर समेत कई मुद्दों पर की चर्चा
कोलकाता. सांसद व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को पार्टी पदाधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय वर्चुअल बैठक की. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में पार्टी के लगभग 10 हजार नेता, जन प्रतिनिधि और जमीनी स्तर के कार्यकर्ता शामिल हुए. बैठक में श्री बनर्जी ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआइआर) यानी मतदाता सूची पुनरीक्षण, भाजपा शासित प्रदेशों में कथित तौर पर बांग्ला भाषियों को प्रताड़ित किये जाने समेत कई मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने एसआइआर के मद्देनजर संगठनात्मक तैयारियों पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किये जाने पर भी जोर दिया. साथ ही बांग्ला भाषियों को प्रताड़ित करनेवाले मामले पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा- “अब समय आ गया है कि भाजपा की ‘बांग्ला भाषा विरोधी कदम’ और नीतियों के खिलाफ हर स्तर पर प्रतिकार हो. जहां भी भाजपा नेता दिखें, ‘जय बांग्ला’ का नारा बुलंद करें.
भाजपा ‘जय बांग्ला’ नारे का विरोध कर रही है, जबकि यही नारा बंगाल की संस्कृति, भाषा और अस्मिता का प्रतीक है.” बैठक में श्री बनर्जी के साथ तृणमूल के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बक्शी भी मौजूद थे.
बांग्ला भाषा को ””बांग्लादेशी”” कहने पर केंद्र को घेरा : हाल ही में दिल्ली पुलिस द्वारा कथित एक पत्र में बांग्ला भाषा को ‘बांग्लादेशी’ कहे जाने पर तृणमूल ने कड़ा विरोध जताया है. बैठक में बनर्जी ने आरोप लगाया कि “भाजपा नेतृत्व इसका समर्थन कर रहा है. जो भाषा कविगुरु रवींद्रनाथ ठाकुर, ऋषि बंकिमचंद्र और स्वामी विवेकानंद की है, उसे अपमानित करना भाजपा की बंगाल विरोधी सोच को दर्शाता है.”
‘आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान’, बंगाल मॉडल की तारीफ : राज्य सरकार की नयी योजना ‘आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान’ की चर्चा करते हुए श्री बनर्जी ने इसे जनहित के लिए ऐतिहासिक कदम बताया. उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने करीब 1.75 लाख करोड़ रुपये की बकाया राशि रोक रखी है, फिर भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीत राज्य सरकार अपने संसाधनों से जनता के लिए काम कर रही है.
2026 का लक्ष्य, भाजपा को 77 सीटों से भी नीचे लाना : बैठक में पार्टी के चुनावी लक्ष्य को भी रेखांकित किया गया. बनर्जी ने कहा “जब हम लोकसभा चुनाव में राज्य में भाजपा को 18 सीटों से घटाकर 12 कर सकते हैं, तो 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव में 77 सीटों से घटाकर 40 क्यों नहीं कर सकते? मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ‘सिंगल इंजन सरकार’ भाजपा के डबल इंजन से कहीं ज्यादा मजबूत और संवेदनशील है.
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