कोलकाता.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों के कथित उत्पीड़न के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल सरकार अगले महीने विधानसभा का एक विशेष सत्र बुला सकती है. सूत्रों के अनुसार, यह सत्र आठ अगस्त से 21 अगस्त के बीच किसी भी दिन आयोजित किया जा सकता है, जिसमें इस मुद्दे पर एक विशेष प्रस्ताव पेश किया जाएगा. राज्य के संसदीय कार्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि इस विशेष सत्र में प्रस्ताव के अलावा चार अन्य नये विधेयक भी सदन में पेश किये जा सकते हैं. हालांकि, अभी ये सभी योजनाएं विचार-विमर्श के स्तर पर हैं. प्रस्ताव को अंतिम रूप दिये जाने के बाद ही इसे विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के पास भेजा जाएगा. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व चाहता है कि भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों के कथित उत्पीड़न के मुद्दे पर पार्टी की आधिकारिक स्थिति विधानसभा की कार्यवाही में दर्ज हो. इसी रणनीति के तहत यह सत्र बुलाने की योजना बनायी जा रही है. राज्य कैबिनेट के एक वरिष्ठ मंत्री ने नाम न छापने की शर्त पर पुष्टि की कि तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर हर सप्ताहांत राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का भी फैसला किया है. साथ ही, इस विषय को सदन में भी गंभीरता से उठाया जाएगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कोलकाता के धर्मतला में आयोजित तृणमूल कांग्रेस की वार्षिक शहीद दिवस रैली में घोषणा की थी कि 27 जुलाई से राज्यभर में सप्ताहांत प्रदर्शनों की शुरुआत होगी. उन्होंने इस अभियान को ‘भाषा आंदोलन’ की तरह करार दिया. ज्ञात हो कि भाषा आंदोलन ऐतिहासिक रूप से पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में बांग्ला भाषा को आधिकारिक दर्जा दिलाने के लिए शुरू हुआ था, जिसने आगे चलकर बांग्लादेश के निर्माण की नींव रखी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है