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सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- कर्मियों को क्यों नहीं दी गयी बकाया डीए की 25 फीसदी राशि

पश्चिम बंगाल के सरकारी कर्मचारियों को अदालत के निर्देश के बावजूद बकाया महंगाई भत्ते (डीए) की 25 प्रतिशत राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया?

शीर्ष अदालत में राज्यकर्मियों के महंगाई भत्ते के मामले की आज फिर होगी सुनवाई

संवाददाता, कोलकातापश्चिम बंगाल के सरकारी कर्मचारियों को अदालत के निर्देश के बावजूद बकाया महंगाई भत्ते (डीए) की 25 प्रतिशत राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान यह सवाल उठाया. इससे पहले शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य को बकाया डीए का 25 प्रतिशत राशि का भुगतान करने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को इसके लिए छह सप्ताह का समय दिया था. लेकिन राज्य सरकार उस समय सीमा के भीतर राशि का भुगतान करने में विफल रही और अदालत से छह महीने का और समय देने की मांग करते हुए याचिका दायर की है. सोमवार को राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सवाल किया कि कोर्ट द्वारा तय समय पर पैसा क्यों नहीं दिया गया. इस पर राज्य सरकार के अधिवक्ता ने अदालत में बताया कि वे कोर्ट के आदेश को लागू करना चाहते हैं. लेकिन इसमें समय लगेगा. क्योंकि, 25 प्रतिशत बकाया डीए का भुगतान करने के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता है और उस धन को जुटाने में समय लगेगा. गौरतलब है कि इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वे वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं. इसलिए, 25 प्रतिशत बकाया डीए का भुगतान करने के लिए और समय की आवश्यकता है. राज्य के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश की समीक्षा का भी अनुरोध किया. यह मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति पीके मिश्रा की पीठ के समक्ष आया था. गौरतलब है कि 16 मई को अदालत ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को बकाया महंगाई भत्ते की 25 प्रतिशत राशि का भुगतान करने का आदेश दिया था. राज्य ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि लाखों कर्मचारियों को बकाया महंगाई भत्ते की 25 प्रतिशत राशि का भुगतान करने के लिए भारी धनराशि की आवश्यकता है. वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में ऐसा कोई आवंटन नहीं है. अगर राज्य को यह राशि देनी है, तो उसे ऋण लेना होगा, जिसके लिए केंद्र की अनुमति आवश्यक है. इसलिए पूरी प्रक्रिया में काफी समय लगेगा. डीए मामले की सुनवाई में, राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया था कि राज्य सरकार के कर्मचारियों का कुल डीए बकाया 11,890.18 करोड़ रुपये है. इसके अलावा, पेंशनभोगियों का कुल बकाया 11,611.45 करोड़ रुपये है. शिक्षकों, नगरपालिकाओं, पंचायतों और स्वायत्त निकायों और राज्य सरकार द्वारा संचालित संगठनों के कर्मचारियों का 18,369.32 करोड़ रुपये बकाया है. इसलिए डीए के तहत कुल बकाया राशि 40,000 करोड़ रुपये से भी अधिक है. यदि पूरा डीए भुगतान कर दिया जाता है, तो राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति खराब हो जायेगी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश के बाद कहा था कि राज्य को 27 जून तक बकाया महंगाई भत्ते की कम से कम 25 प्रतिशत राशि भुगतान करना होगा.

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