ऐसे ही मामलों में दो अन्य राज्यों से भी मांगी गयी रिपोर्ट
एजेंसियां, नयी दिल्ली.
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को तीन राज्यों की पुलिस से आइआइटी-खड़गपुर, आइआइटी-खड़गपुर और राजस्थान के कोटा में नीट (मेडिकल प्रवेश परीक्षा) की एक अभ्यर्थी द्वारा आत्महत्या की जांच की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है. न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने उच्च शिक्षण संस्थानों में आत्महत्याओं पर चिंता व्यक्त की तथा गृह मंत्रालय को इस मामले में पक्षकार बनाया.न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता अपर्णा भट्ट ने इस मुद्दे पर मंत्रालय से सहायता मांगी थी.
पीठ ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि आइआइटी-दिल्ली में पढ़ाई के दौरान 2023 में आत्महत्या करने वाले दो विद्यार्थियों के परिजों की शिकायतों पर 24 मार्च को प्राथमिकी दर्ज करने को जो आदेश अदालत ने दिया था, उसकी जांच की स्थिति क्या है ? पीठ ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील से कहा, ‘हम देखना चाहते हैं कि जांच में क्या प्रगति हुई है. हम जानना चाहते हैं कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आपने क्या किया है. आपको हमें बताना होगा कि क्या किया गया है.’ शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल पुलिस से भी आइआइटी-खड़गपुर के विद्यार्थी द्वारा चार मई को की गयी आत्महत्या की जांच के बारे में भी जानकारी मांगी. इस सिलसिले में आठ मई को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इसी तरह उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान पुलिस से कोटा में अपने कमरे में फंदे से लटकी पायी गयी नीट अभ्यर्थी की मौत की जांच की स्थिति भी बताने को कहा. यह अभ्यर्थी अपने माता-पिता के साथ रहती थी. पीठ ने सुनवाई 21 जुलाई के लिए स्थगित कर दी.
उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत के 24 मार्च के फैसले में उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या के मामलों पर ध्यान दिया गया था और उनके मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने तथा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) का गठन भी किया गया था.
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