कोलकाता. आचार्य महाश्रमण के सुशिष्य मुनि जिनेश कुमार ठाणा-3 के सान्निध्य में मासखमण तप अभिनंदन समारोह का भव्य आयोजन जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा (कलकता-पूर्वांचल) ट्रस्ट द्वारा भिक्षु बिहार में किया गया. मासखमण तप करने वाले सजोड़े तपस्वी जुगराज बैद, प्रेमलता बैद, अनूप गंग, सुजानी देवी पगारिया, उर्मिला गुलगुलिया, सुमन गोयल, संपत छाजेड़ व सुनीता देवी दुधेड़िया के नाम उल्लेखनीय हैं. मासखमण तप अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए मुनि जिनेश कुमार ने कहा- जैन साधना पद्धति में तपोयोग का महत्वपूर्ण स्थान है. तप वह अग्नि है, जो कर्म रूपी कचरे को भस्म करने में समर्थ है. तप आंतरिक शुद्धि का सार्थक उपक्रम है. तप अध्यात्म का नवनीत है, अतीत का क्षयोपशम, वर्तमान का विराग और भविष्य का दर्पण है. तपस्या वह रसायन है जिसके द्वारा शरीर और मन का संतुलन बना रहता है. रसनेंद्रिय के संयम से ऊर्जा का संचय होता है, विषय तृष्णा के कड़े ताप शांत हो जाते हैं. वृत्ति शोधन के साथ शरीर अनेक प्रकार की व्याधि से मुक्त होकर स्वस्थता की अनुभूति करता है. तप आत्मा का उज्ज्वल पक्ष व अमृत का प्याला है. मुनिश्री ने आगे कहा- वृहत्तर कोलकाता में एक साथ आठ भाई-बहिनों का मासखमण तप संपन्न होने जा रहा है. मासखमण तप करनेवाले सभी तपस्वियों ने अद्भुत मनोबल का परिचय दिया है. इस अवसर पर मुनि कुणाल कुमार ने सुमधुर गीतिका का संगान किया. कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ कन्या मंडल के मंगलाचरण से हुआ. स्वागत भाषण जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा (कलकत्ता-पूर्वाचल) ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय सिंघी ने दिया. साध्वी प्रमुखा विश्रुतविभा जी के संदेश का वाचन उपाध्यक्ष कमल सुराणा ने व तप अभिनंदन पत्र का वाचन मुख्य न्यासी बाबूलाल गंग ने किया. तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष राजीव बोथरा, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा बबीता तातेड़, टीपीएफ कलकत्ता सभा के पूर्व अध्यक्ष अशोक गुलगुलिया, अध्यक्ष अजय भंसाली, इचलकरंजी से समागत जवाहर लाल भंसाली, खीवकरण बैद, कमल किशोर पगारिया, कंवरलाल जी सेठिया, अजय गोयल, सौरभ-शिवानी गुलगुलिया, अंकुश छाजेड़, सरला गंग ने तप अनुमोदना में अपने विचार व्यक्त किये. तेरापंथ युवक परिषद, सभा सदस्य, लिलुआ सभा, स्वर लहरी के सदस्यों ने समूह गीतों की प्रस्तुति से तप अनुमोदना की. आभार ज्ञापन सभा के कोषाध्यक्ष जयसिंह बरड़िया ने किया. कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद व हसमुख मुथा ने किया. इस अवसर पर बृहत्तर कोलकाता की सभी सभाओं के पदाधिकारी व श्रावक समाज की विशाल उपस्थिति रही.
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