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नौकरी गंवाये शिक्षक की ब्रेन स्ट्रोक से मौत

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वाले एक शिक्षक प्रबीण कर्मकार की ब्रेन स्ट्रोक के कारण मौत हो गयी.

संवाददाता, कोलकाता

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वाले एक शिक्षक प्रबीण कर्मकार की ब्रेन स्ट्रोक के कारण मौत हो गयी. गुरुवार को जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तब डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बताया जा रहा है कि वह नौकरी को लेकर लंबे समय से तनाव में थे. घटना से बेरोजगार शिक्षकों में आक्रोश और मातम है. शिक्षक व आंदोलनकारियों ने इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. प्रबीण कर्मकार मुर्शिदाबाद के रघुनाथगंज के हरिदास नगर के रहने वाले थे. उन्हें 2016 की एसएससी नियुक्ति प्रक्रिया के जरिये नौकरी मिली थी और वह अमुइपारा रिफ्यूजी स्कूल में शिक्षक थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद करीब 26 हजार शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों की नौकरी चली गयी, जिनमें प्रबीण भी शामिल थे. इसके बाद से ही वह आंदोलन में सक्रिय थे और मानसिक तनाव झेल रहे थे. बुधवार को प्रवीण की तबीयत अचानक बिगड़ गयी. गुरुवार को उन्हें जब स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में यह घोषणा की थी कि एसएससी की नयी नियुक्ति परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी की जायेगी. इसने आंदोलनकारी शिक्षकों के गुस्से को और बढ़ा दिया है. उनका सवाल है कि जब वे पहले ही चयनित हो चुके हैं, तो दोबारा परीक्षा क्यों देंगे.

राज्य सरकार पर भड़के आंदोलनकारी, ठहराया जिम्मेवार

इस घटना के बाद से आंदोलनकारी शिक्षकों में आक्रोश है. उनका कहना है कि यह सरकार की संवेदनहीनता का नतीजा है, जिसमें एक शिक्षित और अनुभवी व्यक्ति टूट गया. गुरुवार सुबह छह शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलने गया था. लेकिन जैसे ही वे उनके आवास के करीब पहुंचे, कालीघाट थाने की पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. इस पर ‘शिक्षानुरागी एक्य मंच’ के महासचिव किंकर अधिकारी ने कहा : राज्य सरकार को इस योग्य शिक्षक की मौत की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. हम मांग करते हैं कि बिना ठोस भ्रष्टाचार के सबूतों के, सभी शिक्षकों और शिक्षण कर्मियों को फिर से नौकरी पर बहाल किया जाये. इस घोटाले में शामिल लोगों से वसूली करके मृत शिक्षक के परिवार को दो करोड़ रुपये का मुआवजा व एक सदस्य को नौकरी दी जाये.

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