सेंटलमेंट आरपीएफ पोस्ट के प्रभारी पर एफआइआर, रेलवे ने भी दर्ज कराया मामला
प्रतिनिधि, खड़गपुर.
खड़गपुर शहर में रेलवे की जमीन पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बैनर को लगाने और फिर हटाने का मामला तूल पकड़ गया है. हालांकि, बैनर हटाने के कुछ देर बाद ही पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में उसे दोबारा उसी जगह लगा दिया गया था और पुलिस व आरपीएफ अधिकारियों के संयुक्त हस्तक्षेप से मामला लगभग सुलझ गया था. इसके बावजूद तृणमूल के कुछ समर्थकों और लोगों ने इस घटना को मुख्यमंत्री का अपमान बताते हुए आरपीएफ के सेटलमेंट पोस्ट के प्रभारी आरपी सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी है. वहीं, रेलवे की ओर से भी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. बता दें कि कोलकाता के धर्मतला में शहीद दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसी मामले को लेकर तंज कसा था, जिसके बाद यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है.
आरपीएफ सेटलमेंट पोस्ट के प्रभारी आरपी सिंह ने बताया कि उन्हें एफआइआर दर्ज होने की जानकारी मिली है, लेकिन अभी तक सरकारी तौर पर कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है. आरपी सिंह का कहना है कि रेल क्षेत्र एक वर्जित क्षेत्र होता है. अगर कोई भी व्यक्ति रेलवे की जमीन पर कोई काम करता है, तो उन्हें रेलवे को सूचित करना चाहिए. बिना अनुमति के कोई भी काम होने पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी. सिंह ने यह भी कहा कि उस दिन कुछ लोगों ने रेलवे की जमीन पर बिना अनुमति या सूचना के काम करते हुए हुड़दंग मचाया था, जिनके खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
गौरतलब रहे कि धर्मतला में शहीद दिवस के आयोजन से पहले तृणमूल कार्यकर्ताओं ने रेलवे की जमीन पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक बैनर लगाया था. बैनर के नीचे पश्चिम मेदिनीपुर जिला पुलिस लिखा हुआ था और इसमें सेफ ड्राइव सेफ लाइफ का संदेश था. तृणमूल कार्यकर्ताओं का दावा है कि मुख्यमंत्री का यह बैनर कोई राजनीतिक नहीं, बल्कि एक सरकारी बैनर था, जिसे जबरदस्ती हटाकर मुख्यमंत्री का अपमान किया गया. वहीं, नाम न छापने की शर्त पर कुछ आरपीएफ जवानों ने बताया कि रेलवे की संपत्ति की रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है, लेकिन उन्हें वर्तमान में तृणमूल कार्यकर्ताओं के आतंक का सामना करना पड़ रहा है. उनका आरोप है कि कुछ लोग राजनीति की आड़ लेकर कभी-कभार गुंडागर्दी पर उतर आते हैं, काम में बाधा डालते हैं और झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देते हैं. जवानों ने स्पष्ट किया कि वे सभी का सम्मान करते हैं, चाहे वह मुख्यमंत्री हों या प्रधानमंत्री. लेकिन ड्यूटी के दौरान अपने कर्तव्य का जिम्मेदारी के साथ पालन करना और रेल संपत्ति की रक्षा करना उनका नैतिक धर्म है.
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