27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

प्राथमिक शिक्षकों को बीएलओ की ड्यूटी देने पर रोक नहीं

कलकत्ता हाइकोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के लिए प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) नियुक्त करने के चुनाव आयोग के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

संवाददाता, कोलकाता

कलकत्ता हाइकोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के लिए प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) नियुक्त करने के चुनाव आयोग के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की पीठ ने कहा कि प्राथमिक शिक्षकों को बीएलओ की ड्यूटी पर लगाने पर कोई कानूनी रोक नहीं है. अपने आदेश में न्यायाधीश ने कहा: बीएलओ की गतिविधियां इस तरह से संचालित की जानी चाहिए कि उनके शिक्षण कार्य में कोई बाधा न आये. अभी तक, संबंधित अधिकारी को क्या कार्य सौंपा जायेगा, इसका पता नहीं है. क्योंकि चुनाव आयोग ने बंगाल में एसआइआर लागू करने के संबंध में कोई अधिसूचना जारी नहीं की है. यह मामला आशंका के आधार पर दायर किया गया है.

अधिकारियों को सौंपे गये कर्तव्य 2022 में चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित बीएलओ संबंधी व्यापक निर्देशों के अनुसार होंगे. प्राथमिक शिक्षकों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता सुबीर सान्याल ने कहा कि हमें कई कर्तव्य सौंपे गये हैं. हम लोगों को पूर्ण दैनिक कार्य दिया गया है. जबकि वह प्राथमिक शिक्षक हैं. नियुक्ति पत्र जारी होते ही प्राथमिक शिक्षक चुनाव आयोग के अधीन आ गये और मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किये गये. हालांकि, उनको कार्य अवधि नहीं बतायी गयी है. कहां और क्या काम करना है? इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है. इसके साथ ही प्राथमिक शिक्षकों का कहना है कि वह दोहरी जिम्मेदारी कैसे निभा सकते हैं? चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील सौम्या मजूमदार ने कहा कि यह स्कूलों के परामर्श से और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुरूप किया गया है. यह मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया चुनाव की तारीख घोषित होने से छह महीने पहले की जाती है. नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले सभी परिस्थितियों का आकलन किया गया है. उन्हें प्रशिक्षण दिया जायेगा और फिर काम पर लगाया जायेगा. उन्होंने कहा कि 48,000 प्राथमिक शिक्षकों में से केवल 15 ने ही मामले दर्ज कराये हैं. उन्हें आशंका है कि उन्हें बुलाया जायेगा.

वहीं, याचिकाकर्ता द्वारा बिना अवकाश के काम करने की चिंता पर, पीठ ने टिप्पणी की: “देश को आपकी सेवा की आवश्यकता है, क्या किया जा सकता है? रविवार को काम करना क्यों संभव नहीं है? क्या आपको डर है कि सारा काम आपको दे दिया जाएगा? “

पिछले हफ्ते कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक मामला दायर कर आरोप लगाया गया था कि प्राथमिक शिक्षकों को नियमों का उल्लंघन करते हुए बीएलओ की ड्यूटी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. शिक्षकों का दावा है कि यह अतिरिक्त जिम्मेदारी उनके शिक्षण कार्य में बाधा डाल रही है और उन पर अत्यधिक बोझ डाल रही है. हालांकि, अदालत ने यह याचिका खारिज कर दी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel