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गर्भवती महिला की मौत की हो न्यायिक जांच

संगठन का कहना है कि राज्य सरकार ने इस घटना के लिए डॉक्टरों को दोषी ठहराया है और अभी तक दवा कंपनी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की है.

कोलकाता. सागर दत्त मेडिकल कॉलेज में एक गर्भवती महिला की जहरीली दवा खाने से मौत हो गयी थी. सर्विस डॉक्टर फोरम ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है. इस घटना में 10 प्रसूताएं भी बीमार हो गयी थीं, जिनकी चिकित्सा आइसीयू में चल रही है. सर्विस डॉक्टर्स फोरम की ओर से प्रेस रिलीज जारी पर हाल ही में हुए मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज की घटना का भी उल्लेख किया गया है. वहां राज्य की एक दवा कंपनी द्वारा निर्मित लिंगर्स लैक्टेट सलाइन के कारण एक गर्भवती महिला की मौत हो गयी थी, जबकि तीन महिलाओं की हालत गंभीर हो गयी थी. संगठन का कहना है कि राज्य सरकार ने इस घटना के लिए डॉक्टरों को दोषी ठहराया है और अभी तक दवा कंपनी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की है. पश्चिम बंगाल सह पूरे देश में दवाओं की गुणवत्ता जांच की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण आज बंगाल के सरकारी अस्पतालों और बाजारों में बहुत ही निम्न गुणवत्ता वाली और मिलावटी दवाएं वितरित की जा रही हैं. हम सागर दत्त मेडिकल कॉलेज में हुई इस दुखद घटना की न्यायिक जांच और उन गर्भवती महिलाओं पर इस्तेमाल की गई दवाओं, जिनमें एमिकासिन इंजेक्शन भी शामिल है, के नमूनों की गहन जांच की मांग करते हैं. संगठन की ओर से कहा गया है कि हम निम्न गुणवत्ता वाली एवं मिलावटी दवाइयां बनाने वाली कंपनियों तथा इन मिलावटी दवाओं के वितरण में सहायता करने वाले सभी सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध कठोर सजा की मांग करते हैं.

यह प्रेस रिलीज सर्विस डॉक्टर फोरम के महासचिव डॉ सजल विश्वास ने जारी किया है.

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