हावड़ा.
हाइकोर्ट और पुलिस से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद संग्रामी संयुक्त मंच सहित अन्य संगठनों की ओर से सोमवार को सैकड़ों बेरोजगार स्कूली शिक्षकों और राज्य सरकार के सेवारत कर्मचारियों ने रैली निकाली. प्रदर्शनकारी राज्य सचिवालय नबान्न की प्रतिकृति और तख्तियां लेकर रैली निकालते हुए नौकरी की बहाली एवं महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि की मांग की. पुलिस ने बीच में रोकी रैली : यह रैली हावड़ा स्टेशन के पास से निकली थी. हालांकि पुलिस ने रैली को तेलकल घाट के पास आगे जाने से रोक दिया. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए ग्रैंड फोरशोर रोड और फोरशोर रोड पर लोहे के दो ऊंचे बैरिकेड लगाये गये थे. रैली को रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गये. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनकी मांगों पर विचार नहीं करतीं, वे तब तक वहां से नहीं हटेंगे. प्रदर्शनकारी घंटों सड़क पर बैठे रहे, लेकिन भारी बारिश और पुलिस के अनुरोध पर प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन खत्म करने का फैसला लिया.मंच के संयोजक भास्कर घोष ने कहा कि प्रशासन ने आंदोलन को रोकने की कोशिश की. बावजूद इसके आंदोलन किया गया, लेकिन प्राकृतिक आपदा और पुलिस के अनुरोध पर आंदोलन को फिलहाल खत्म किया गया.
उन्होंने कहा कि इस आंदोलन से उन्होंने एक संदेश देने की कोशिश की है कि शांतिपूर्ण आंदोलन के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है. भले ही इस आंदोलन को वापस ले लिया गया हो, लेकिन यह आंदोलन आगे जारी रहेगा. आगे भी आंदोलन होगा और शांतिपूर्ण तरीके से होगा. वहीं, रैली में शामिल प्रदर्शनकारी आशीष खामरूई ने कहा कि हमारी मांगों में 26,000 शिक्षकों की बहाली शामिल है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बेरोजगार हो गये हैं. प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर तत्काल भर्ती की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम पिछले तीन साल से मध्य कोलकाता के शहीद मीनार इलाके में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आगे भी यह आंदोलन जारी रहेगा.राज्य कर्मचारी आशीष बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार शीर्ष अदालत के हालिया आदेश के अनुसार महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करने में विफल रही है. उन्होंने कहा कि अब हमारी रैली के बारे में कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश का हवाला दे रहे हैं, जबकि अदालत ने हमें रैली निकालने से कभी मना नहीं किया. कोर्ट ने सिर्फ इतना कहा था कि प्रदर्शन से मंगलाहाट जैसी सार्वजनिक जगहों पर कोई व्यवधान नहीं पैदा होना चाहिए.
सुरक्षा का रहा कड़ा प्रबंधप्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस की ओर से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये थे. पुलिस की ओर से माइकिंग कर प्रदर्शनकारियों को वापस जाने के लिए कहा गया. उल्लेखनीय है कि नबान्न अभियान को लेकर मंगलाहाट व्यवसायी समिति ने हाइकोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा था कि सोमवार और मंगलवार को इस अभियान के कारण उनलोगों को काफी नुकसान होता है. कोर्ट ने रैली निकालने की अनुमति नहीं दी थी. साथ ही पुलिस को रैली निकाले जाने पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था.
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