देर रात समझौते के बाद खत्म हुआ धरना
प्रतिनिधि, हुगली.
केशोराम रेयन कारखाने में गुरुवार सुबह पॉट विस्फोट होने से एक श्रमिक राजनंद चौधरी की दर्दनाक मौत हो गयी. इस घटना से गुस्साए श्रमिकों ने शव को कारखाने परिसर में रखकर पूरी रात प्रदर्शन किया, जिसमें सुरक्षा उपायों में सुधार और मृतक के परिवार के लिए उचित मुआवजे की मांग की गयी. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मगरा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर दीपांकर सरकार, चंद्रहाटी फांड़ी के एएसआइ रोनाल्डो लिपट सहित अन्य पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद रहे. प्रशासनिक स्तर पर चुंचुड़ा-मगरा ब्लॉक के बीडीओ राजीव पोद्दार और चुंचुड़ा-मगरा पंचायत समिति के कर्मध्यक्ष तापस चक्रवर्ती भी मौके पर पहुंचे. पुलिस और बीडीओ के हस्तक्षेप से देर रात तक चली बातचीत के बाद मामले का समाधान निकला.
तृणमूल श्रमिक संगठन के नेता मनोज चक्रवर्ती ने बताया कि कंपनी की ओर से मृतक के परिवार को 12 लाख मुआवजा, अंतिम संस्कार के लिए 50 हजार नकद और मृतक के पुत्र को नौकरी देने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा, एक लाख की अतिरिक्त राशि की व्यवस्था भी की गयी है.हादसे से क्षुब्ध बी शिफ्ट के श्रमिकों ने काम का बहिष्कार किया और गेट के बाहर खड़े होकर विरोध जताया. समझौते के बाद शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे शव को कारखाना परिसर से बाहर निकाला गया.
इस हादसे ने कारखाने में सुरक्षा उपायों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं. श्रमिकों का कहना है कि जब तक संयंत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किये जाते, ऐसे हादसे होते रहेंगे.
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