संवाददाता, कोलकाता
आइआइएम जोका में कथित तौर पर हुए दुष्कर्म के मामले में पीड़ित युवती मंगलवार को भी अपना गोपनीय बयान दर्ज कराने अलीपुर अदालत नहीं पहुंची. अदालत में बताया गया कि पुलिस मंगलवार को भी उससे संपर्क नहीं कर पायी. इस मामले के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) के सदस्य शिकायतकर्ता के सहयोग नहीं करने से काफी नाराज हैं. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायत दर्ज होने के बाद से शिकायतकर्ता लगातार पुलिस के साथ सहयोग नहीं कर रही है. बलात्कार की घटना की जांच के लिए शिकायतकर्ता का पुलिस को सहयोग करना बेहद जरूरी है. पीड़िता के असहयोग के कारण पुलिस को मुख्य रूप से सीसीटीवी फुटेज और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. पुलिस की टीम आरोपी और शिकायतकर्ता की मोबाइल कॉल लिस्ट और सोशल मीडिया पर उनके संवाद की फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. चूंकि आरोप नशीला पदार्थ देकर बलात्कार का है, इसलिए पुलिस को उस खाने-पीने की फोरेंसिक रिपोर्ट का भी इंतज़ार करना पड़ रहा है. जिसमें कथित तौर पर नशीला पदार्थ मिलाये जाने का आरोप लगाया गया था. इसके अलावा पुलिस आरोपी छात्र को लेकर आइआइएम (जोका) घटनास्थल पर ले जाकर घटना का पुनर्निर्माण करने की तैयारी कर रही है. पुलिस दक्षिण 24 परगना स्थित पीड़िता के घर भी गयी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. युवती मेडिकल जांच कराने से लगातार पल्ला झाड़ रही है. पुलिस ने उसके कपड़े जब्त न होने के कारण डीएनए जांच भी नहीं करा सकी है.
गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को आइआइएम (जोका) छात्रावास के अंदर एक युवती के साथ बलात्कार की शिकायत की गयी थी. उस शिकायत के आधार पर हरिदेवपुर थाने की पुलिस ने उस परिसर के ””””लेक व्यू”””” छात्रावास के कमरा नंबर 151 से एमबीए द्वितीय वर्ष के छात्र परमानंद महावीर टोप्पनबार उर्फ परमानंद जैन को गिरफ्तार किया था.
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