आरोप. दुर्गापुर में बोले प्रधानमंत्री- तृणमूल कांग्रेस कर रही घुसपैठियों की सक्रिय रूप से मदद
प्रतिनिधि, दुर्गापुरप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो वास्तव में बंगाली अस्मिता का सम्मान और रक्षा करती है. उन्होंने कथित तौर पर घुसपैठ कराने, हिंसा भड़काने और बंगाल के युवाओं के पलायन के लिए राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा. प्रधानमंत्री ने घुसपैठ पर स्पष्ट संदेश देते हुए कहा : तृणमूल घुसपैठियों की सक्रिय रूप से मदद कर रही है. मैं यह स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि जो लोग भारत के नागरिक नहीं हैं और अवैध रूप से घुस आये हैं, उनके लिए कानून संविधान के अनुसार अपना काम करेगा. घुसपैठियों को बख्शा नहीं जायेगा. तृणमूल के आरोप को किया खारिज प्रधानमंत्री ने जनसभा में कहा : भाजपा के लिए बंगाली अस्मिता सर्वोपरि है. जिस राज्य में भी भाजपा की सरकार है, बंगालियों का सम्मान किया जाता है. प्रधानमंत्री मोदी ने तृणमूल कांग्रेस के उस हालिया आरोप को खारिज करने की कोशिश करते हुए यह बात कही, जिसमें कहा गया था कि भाजपा शासित राज्य बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों को निशाना बना रहे हैं. ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने बांग्ला को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया, जबकि कांग्रेस, वाम दलों और तृणमूल जैसी पार्टियों ने वर्षों तक दिल्ली (केंद्र) में एक साथ सरकार चलाने के बावजूद इसकी ‘अनदेखी’ की. पीएम मोदी की टिप्पणियां ऐसे समय पर आयी हैं, जब पश्चिम बंगाल में राजनीतिक माहौल भावनात्मक रूप से बेहद तनावपूर्ण है, जहां सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने असम, गुजरात, दिल्ली, ओडिशा और महाराष्ट्र सहित कई भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासियों के कथित उत्पीड़न को लेकर चिंता जतायी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सीधे तौर पर नाम लिये बिना, मोदी ने उनकी पार्टी पर बंगाल के विकास और सुरक्षा की कीमत पर वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा : भाजपा बंगाली अस्मिता के खिलाफ किसी भी साजिश को कामयाब नहीं होने देगी. भारत के बौद्धिक और सांस्कृतिक जागरण में बंगाल के योगदान को याद करते हुए, मोदी ने कहा : भाजपा एक अखिल भारतीय पार्टी है, जिसका बीजारोपण बंगाल में किया गया था. विकास का केंद्र था बंगाल, अब बन गया है ””पलायन का प्रतीक”” उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि कैसे राज्य, जो कभी विकास का केंद्र था, अब ‘पलायन का प्रतीक’ बन गया है और युवा नौकरी के लिए बड़ी संख्या में पलायन कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया : यहां के युवाओं को अब बंगाल छोड़ कर दूसरे राज्यों में नौकरी की तलाश में जाना पड़ रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है