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West Bengal : गंगासागर में कटाव रोकने के लिए सरकार कर रही है यह काम

West Bengal : सिंचाई मंत्री मानस भूइयां ने वित्तीय सहायता की कमी के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की. श्री भूइयां ने कहा कि इस योजना के लिए केंद्रीय सहायता की आवश्यकता है, लेकिन केंद्र सरकार राज्य के आवेदनों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

West Bengal : पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में गंगासागर मेला के आयोजन में अब डेढ़ वर्ष का समय बचा है. लेकिन समुद्र तट पर लगातार कटाव की वजह से सागरद्वीप में स्थित कपिल मुनि आश्रम पर संकट के बादल देखने को मिल रहे हैं. गंगासागर में समुद्र का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और पिछले डेढ़ दशक में समुद्र करीब 150 मीटर अंदर प्रवेश कर गया है. स्थिति के बिगड़ने से चिंतित ममता बनर्जी सरकार राज्य के सबसे अधिक देखे जाने वाले तीर्थ स्थलों में से एक को बचाने के लिए दीर्घकालिक समाधान तलाश रही है.

स्थायी समाधान के लिए आईआईटी मद्रास की ली जा रही मदद

राज्य सरकार ने कटाव से निपटने के लिए 267 करोड़ रुपये की लागत से आईआईटी-मद्रास की सिफारिशों पर एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है. लेकिन केंद्र सरकार से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिलने के कारण पश्चिम बंगाल सरकार अपने संसाधनों का उपयोग करके काम शुरू करने पर विचार कर रही है. इस बीच ममता बनर्जी सरकार ने तकनीकी सलाह के लिए नीदरलैंड सरकार को पत्र लिखा है. सूत्रों ने दावा किया कि विश्व बैंक ने इस मुद्दे को हल करने में इच्छा जाहिर की है.

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क्या कहना है राज्य के सिंचाई मंत्री का

इस संबंध में राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भूइयां ने वित्तीय सहायता की कमी के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की. श्री भूइयां ने कहा कि इस योजना के लिए केंद्रीय सहायता की आवश्यकता है, लेकिन केंद्र सरकार राज्य के आवेदनों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने कभी भी कटाव नियंत्रण परियोजनाओं के लिए धन आवंटित करने की इच्छा नहीं दिखाई है.

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Shinki Singh
Shinki Singh
10 साल से ज्यादा के पत्रकारिता अनुभव के साथ मैंने अपने करियर की शुरुआत Sanmarg से की जहां 7 साल तक फील्ड रिपोर्टिंग, डेस्क की जिम्मेदारियां संभालने के साथ-साथ महिलाओं से जुड़े मुद्दों और राजनीति पर लगातार लिखा. इस दौरान मुझे एंकरिंग और वीडियो एडिटिंग का भी अच्छा अनुभव मिला. बाद में प्रभात खबर से जुड़ने के बाद मेरा फोकस हार्ड न्यूज पर ज्यादा रहा. वहीं लाइफस्टाइल जर्नलिज्म में भी काम करने का मौका मिला और यह मेरे लिये काफी दिलचस्प है. मैं हर खबर के साथ कुछ नया सीखने और खुद को लगातार बेहतर बनाने में यकीन रखती हूं.

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