राज्य में मनरेगा लागू करने का मामला कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार को एक अगस्त से पश्चिम बंगाल में मनरेगा के तहत 100 दिनों की रोजगारी गारंटी योजना शुरू करने का आदेश दिया था, लेकिन यह केंद्रीय योजना राज्य में अब तक शुरू नहीं हो पायी है. इसके बाद, मनरेगा के तहत रोजगार के लिए याचिका दायर करने वाली पश्चिम बंग खेत मजदूर समिति सोमवार को इस मामले को दोबारा हाइकोर्ट में उठाने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, इस मामले पर 18 अगस्त को हाइकोर्ट में फिर से सुनवाई होनी है. 100 दिन के काम का पैसा केंद्र सरकार एसएनएन स्पर्श प्रणाली के जरिये सीधे आरबीआइ को देती है, और आरबीआइ फिर यह पैसा राज्य को देता है. हालांकि, अभी तक यह पैसा नहीं आया है और न ही काम के दिन तय हुए हैं. बावजूद इसके, राज्य ने एसएनएन स्पर्श की व्यवस्था कर रखी है और अलीपुरदुआर ब्लॉक नंबर एक में जल्द ही इसका परीक्षण भी होगा. पश्चिम बंग खेत मजदूर समिति के वकील पूर्वायन चक्रवर्ती ने बताया : हम इस मामले को सोमवार को हाइकोर्ट में दोबारा उठायेंगे. अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष तुषार घोष ने कहा कि अब हमारी लड़ाई सड़कों पर होगी. हमने कई सरकारी विभागों में ज्ञापन देना शुरू कर दिया है. हम केंद्र सरकार के विभागों को भी ज्ञापन देंगे. अगर अब काम नहीं मिला, तो हमें भत्ता दिया जाये. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हम फिर से हाइकोर्ट जायेंगे.
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