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Smartphone के चार्जिंग पोर्ट एक तो फिर कंपनी क्यों देती है अलग-अलग चार्जर, यहां जानें

Smartphone का चार्जिंग पोर्ट तो एक जैसा होता है, लेकिन कंपनी अलग-अलग प्रकार का चार्जर देती है. ऐसा इसलिए क्योंकि चार्जिंग के पीछे दो टेक्नोलॉजी काम करती है.

Same Charging Port But Different Charger: क्या आपने कभी सोचा है किसी भी कंपनी के स्मार्टफोन का चार्जिंग पोर्ट एक जैसा होने के बावजूद चार्जर अगल-अलग क्यों होता है? मोबाइल चार्जिंग को लेकर आपने ध्यान दिया होगा तो आप ये नोटिस कर पाए होंगे कि आमतौर पर एक फोन के चार्जर से दूसरे फोन को चार्ज करने पर चार्जिंग स्पीड स्लो हो जाती है. जब्कि चार्जिंग पोर्ट तो सेम रहता है. उदाहरण के लिए अगर आप वनप्लस के फोन को शाओमी के चार्जर से चार्ज करेंगे तो शाओमी का चार्जर वनप्लस को बहुत धीरे-धीरे चार्ज करता है, तो वनप्लस का चार्जर भी शाओमी के चार्जिंग स्पीड को स्लो कर देता है.

पोर्ट एक मगर टेक्नोलॉजी बिल्कुल अलग

दरअसल फोन के बाहर से आपको एक ही पोर्ट नजर आ रहा होगा, लेकिन चार्जिंग तकनीक कॉमन नहीं होती है. शाओमी का चार्जर रेडमी के साथ तो काम करेगा, मगर वीवो, ओप्पो के स्मार्टफोन को स्लो चार्ज करेगा. इसके पीछे दो टेक्नोलॉजी है. पहला USB Power Delivery (PD) और दूसरा Qualcomm Quick Charge (QC).

USB Power Delivery (PD) और Qualcomm Quick Charge (QC)

PD चार्जिंग जो आमतौर पर मार्केट में उपलब्ध ज्यादातर चार्जर में मौजूद होता है. PD का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें हाई आउटपुट वोल्टेज का जुगाड़ होता है. इसलिए ज्यादातर एंड्रॉयड स्मार्टफोन PD चार्जिंग सपोर्ट करते हैं. वहीं QC जिसे Qualcomm ने डेवलप किया है. Qualcomm में आउटपुट की एक सीमा तय होती है. सैमसंग, गूगल और आईफोन में आपको QC चार्जिंग दिखने को मिलता है. इसलिए जहां शाओमी और दूसरे एंड्रॉयड डिवाइस 100-200 वॉट तक पहुंच गए हैं, वहीं सैमसंग और आईफोन अभी 45 वॉट तक के फार्स्ट चार्जिंग सपोर्ट तक ही अभी सीमित है.

PD टेक्नोलॉजी से संभव हो पाया HyperCharge और liquidCool जैसै कंसेप्ट

ध्यान देने वाली बात यह है कि QC एक क्लोज्ड टेक्नोलॉजी है इसलिए सैमसंग का चार्जर आईफोन के साथ काम करता है. लेकिन PD में ऐसा कुछ नहीं है. PD टेक्नोलॉजी को स्मार्टफोन मेकर्स अपने हिसाब से डेवलप करते हैं. यही कारण है कि शाओमी के फोन में इसको HyperCharge या liquidCool कहा जाता हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी अपने प्रोडक्ट में चार्जिंग के दौरान उत्पन्न होने वाली हीट को कंट्रोल करने के लिए करती हैं. इसी वजह से शाओमी का चार्जर अपने फोन में पूरी ताकत के साथ काम करता है मगर दसूरे डिवाइस में चार्जिंग स्पीड नॉर्मल या स्लो हो जाती है.

Also Read: बार-बार चार्ज करना पड़ता है Smartphone? बस सेटिंग्स में करें ये बदलाव बढ़ जाएगी फोन की बैटरी लाइफ

Vikash Kumar Upadhyay
Vikash Kumar Upadhyay
Journalist at Prabhat Khabar Digital, Gold Medalist alumnus MGCU, Former intern Tak App, Biz Tak and DB Digital. Ex reporter INS24 News. Former media personnel District Information and Public Relation Department, Motihari. Former project partner and planner Guardians of Champaran. Very keen to work with the best faculties and in challenging circumstances. I have really a big dream to achieve and eager to learn something new & creative. More than 3 years of experience in Desk and Reporting.

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