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Grok AI ने वह कर दिखाया, जो डॉक्टर्स न कर सके, फ्रैक्चर का पता लगाकर किया कमाल

Grok AI Chatbot Diagnosed Fracture: सोशल मीडिया पर एक महिला ने पोस्ट शेयर किया, जिसमें उसने दावा किया कि एलन मस्क के ग्रॉक चैटबॉट ने उसकी बेटी के फ्रैक्चर का पता लगाया, जिसे डॉक्टर भी पहचानने में असफल रहे थे.

Grok AI Chatbot Diagnosed Fracture: सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें एक महिला ने दावा किया कि एलन मस्क के ग्रोक चैटबॉट ने उसकी बेटी के फ्रैक्चर का पता लगाया, जिसे डॉक्टर भी पहचानने में असमर्थ थे. महिला ने बताया कि डॉक्टरों के द्वारा की गई जांच में यह समस्या छिपी रही, लेकिन ग्रॉक चैटबॉट ने इसका सही-सही अनुमान लगाया. इस घटना ने सोशल मीडिया पर इस तकनीकी उपकरण की सटीकता को लेकर बहस छेड़ दी है.

AI ने हाथ के फ्रैक्चर का पता लगाया

एजे नाम की एक मां ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि एलन मस्क के AI चैटबॉट ग्रॉक ने उनकी बेटी के हाथ के फ्रैक्चर का पता लगाया, जिसे डॉक्टर भी पहचान नहीं सके. एजे ने बताया कि उनकी बेटी एक कार एक्सीडेंट में घायल हुई थी और एक्स-रे रिपोर्ट में फ्रैक्चर नहीं पाया गया था, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी. बेटी का हाथ ठंडा था और वह अंगूठा भी हिला नहीं पा रही थी. जब उन्होंने ग्रॉक से परामर्श लिया, तो AI ने फ्रैक्चर की संभावना जतायी, जिससे डॉक्टर्स की गलत रिपोर्ट पर सवाल उठ गए. इस पोस्ट को 1 करोड़ 40 लाख से अधिक बार देखा गया है, और यह हेल्थकेयर में AI की भूमिका पर चर्चा का विषय बन गया है.

विशेषज्ञ डॉक्टर ने ग्रॉक के डायग्नोसिस को सही बताया

एजे ने अपनी बेटी की बिगड़ती हालत को देखकर एलन मस्क के AI चैटबॉट ग्रॉक की मदद ली. उन्होंने एक्स-रे अपलोड किये और ग्रॉक से सवाल किये, जिसके बाद AI ने डिस्टल रेडियस में एक फ्रैक्चर की लाइन दिखाई. हालांकि इमरजेंसी केयर टीम ने इसे ग्रोथ प्लेट बताया, लेकिन ग्रॉक ने इसे फ्रैक्चर ही माना. इसके बाद एजे ने विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क किया, जिन्होंने ग्रॉक के डायग्नोसिस को सही बताया और कहा कि यह डिस्टल रेडियस हेड फ्रैक्चर है. डॉक्टर ने चेतावनी दी कि इलाज में देर होने पर सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है.

एआई की एक बड़ी जीत

इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है. एक यूजर ने कहा कि यह आश्चर्यजनक और भयानक है, क्योंकि एआई ने इस मामले में मनुष्यों से बेहतर काम किया. वहीं, दूसरे यूजर ने यह माना कि डॉक्टर इंसान होते हैं और गलतियां कर सकते हैं, लेकिन एआई एक बेहतरीन सेकेंड ओपिनियन दे सकता है. कुछ यूजर्स ने सवाल उठाया कि क्या हम हेल्थकेयर जैसी संवेदनशील चीजों में एआई पर भरोसा कर सकते हैं? हालांकि, एक यूजर ने तारीफ करते हुए कहा कि अगर ग्रॉक ने लड़की को गैर-जरूरी सर्जरी से बचाया, तो इसे एआई की एक बड़ी जीत माना जा सकता है.

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Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

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