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फ्री फिल्म देखी तो पड़ेगा पछताना, पाइरेसी में फंसे तो 3 साल की जेल पक्की

Movie Download Punishment: फ्री में नयी फिल्में देखने का चस्का महंगा पड़ सकता है. दरअसल, फिल्म पाइरेसी पर अब सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) अधिनियम, 2023 के तहत अब बिना अनुमति किसी फिल्म को देखना, डाउनलोड करना या ऑनलाइन साझा करना एक दंडनीय अपराध माना जाएगा. इस कानून के उल्लंघन पर तीन साल तक की जेल और ₹3 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. आइए जानते हैं इस नये कानून की पूरी जानकारी.

Movie Download Punishment: फिल्म पाइरेसी पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. ऐसे में फ्री में नयी फिल्में देखने का चस्का महंगा पड़ सकता है. भारत सरकार ने फिल्म पाइरेसी पर लगाम कसने के लिए सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया है. इस ऐतिहासिक विधेयक के तहत अब बिना अनुमति फिल्म रिकॉर्ड करने या ऑनलाइन लीक करने पर 3 साल तक की जेल और फिल्म की लागत का 5% तक जुर्माना लगाया जा सकता है.

विधेयक की मुख्य बातें

कड़ी सजा: पाइरेसी करने पर न्यूनतम 3 महीने की जेल और ₹3 लाख जुर्माना, अधिकतम 3 साल की जेल और फिल्म की कुल लागत का 5% तक जुर्माना.

नयी धाराएं: धारा 6AA और 6AB के तहत बिना अनुमति फिल्म रिकॉर्ड करना और दिखाना अपराध माना जाएगा. भले ही रिकॉर्डिंग निजी उपयोग के लिए ही क्यों न हो.

वेबसाइट ब्लॉकिंग: राज्य सरकारों को अधिकार मिलेगा कि वे IT एक्ट के तहत पाइरेटेड कंटेंट वाली वेबसाइट्स और URLs को ब्लॉक कर सकें.

क्यों जरूरी था यह कानून?

भारतीय फिल्म उद्योग हर साल 3,000 से अधिक फिल्में बनाता है, लेकिन पाइरेसी के कारण उसे लगभग ₹20,000 करोड़ का नुकसान होता है. पहले कैमकॉर्डर से रिकॉर्डिंग होती थी, अब मोबाइल और डिजिटल प्लैटफॉर्म्स से पाइरेसी और आसान हो गई है.

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह विधेयक फिल्म उद्योग की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “भारत को कंटेंट हब” बनाने के विजन के अनुरूप है।

अन्य महत्वपूर्ण बदलाव

नयी उम्र-आधारित सर्टिफिकेशन: अब UA श्रेणी में तीन उप-श्रेणियां होंगी- UA 7+, UA 13+, और UA 16+.

टीवी और OTT के लिए अलग सर्टिफिकेट:CBFC अब फिल्मों को टीवी या डिजिटल प्लैटफॉर्म पर दिखाने के लिए अलग प्रमाणपत्र दे सकेगा.

लाइफटाइम वैधता: अब फिल्म सर्टिफिकेट हर 10 साल में रिन्यू कराने की जरूरत नहीं होगी.

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Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

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