Office AC Fight | Centralised Air Conditioner | Health Impact | Productivity Issues | Hindi News : क्या आपने कभी ऑफिस में महसूस किया है कि आपका एक सहयोगी को ठंड से कांपता दिखता है, जबकि आप खुद पसीने से तर-बतर होते हैं? अगर हां, तो इसका जिम्मेदार है – सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशनिंगसिस्टम. विशेषज्ञों की मानें तो यह ‘वनटेम्परेचर फॉर ऑल’ वाला सिस्टम न सिर्फ असहजता बढ़ाता है, बल्कि आपकी सेहत और प्रोडक्टिविटी पर भी सीधा असर डालता है.
सेंट्रल एसी से क्यों बिगड़ती है बॉडी की बैलेंसिंग?
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञ बताते हैं कि हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है – किसी का मेटाबॉलिज्म तेज होता है तो कोई जल्दी ठंड पकड़ लेता है. लेकिन सेंट्रल एसी पूरे ऑफिस के लिए एक समान तापमान तय करता है. ऐसे में कोई व्यक्ति ज्यादा ठंड महसूस करता है, तो कोई पसीना-पसीना हो जाता है.
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सेहत पर असर क्या असर होता है?
लगातार ठंडे वातावरण में रहने से साइनस, जुकाम और थकान की शिकायत बढ़ती है
कुछ लोगों को सिरदर्द, बॉडी पेन और एलर्जी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं
महिलाएं अक्सर पुरुषों की तुलना में ज्यादा ठंड महसूस करती हैं – और यही ऑफिस में झगड़ों की एक बड़ी वजह बनता है.
काम पर असर क्या पड़ता है?
थर्मल अनकंफर्ट से ध्यान भटकता है और काम में मन नहीं लगता.
बार-बार पसीना या ठंड से परेशान लोग जल्दी थक जाते हैं.
इससे न सिर्फ काम की गुणवत्ता घटती है, बल्कि टीम वर्क पर भी असर पड़ता है.
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इसका समाधान क्या है?
कंपनियों को चाहिए कि वे जोन-वाइज टेम्परेचर सिस्टम अपनाएं.
स्मार्ट एसी या वर्कस्टेशन-वाइज एयरफ्लो सिस्टम जैसे विकल्प उपयोग में लाये जा सकते हैं.
कर्मचारियों को भी चाहिए कि वे अपने बैठने की जगह और कपड़ों का चुनाव मौसम के अनुसार करें.
तो क्या किया जाना चाहिए?
आज की हाई-टेक ऑफिस बिल्डिंग्स में सेंट्रल एसी आराम का प्रतीक मानी जाती हैं, लेकिन यह आराम सभी के लिए नहीं होता. अब वक्त आ गया है कि कंपनियां कर्मचारियों की पर्सनल जरूरतों को समझें और एक हेल्दी, प्रोडक्टिव वर्क एनवायरमेंट तैयार करें.
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