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Strawberry Moon 2025: आज रात दिखेगा दुर्लभ पूर्ण चंद्रमा, जानिए समय और देखने का सही तरीका

Strawberry Moon 2025 आज रात भारत में दिखेगा. जानिए इसे देखने का सही समय, दिशा और खासियतें. यह पूर्णिमा का चांद खास खगोलीय घटना मानी जाती है, जिसका नाम गर्मियों में पकने वाले स्ट्रॉबेरी फलों से जुड़ा है. मौका न गंवाएं.

आज रात Strawberry Moon 2025 का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। यह जून महीने की पहली पूर्णिमा है, जिसे ‘स्ट्रॉबेरी मून’ कहा जाता है. इस बार का चंद्रमा खास है क्योंकि यह ‘Great Lunar Standstill’ के दौरान आ रहा है, जो हर 18.6 साल में एक बार होता है.

स्ट्रॉबेरी मून क्या होता है? कैसे पड़ा यह नाम?

स्ट्रॉबेरी मून जून महीने की पूर्णिमा को कहा जाता है. इस नाम की उत्पत्ति नेटिव अमेरिकन परंपराओं से हुई है, खासकर एल्गोंक्विन जनजाति ने इसे स्ट्रॉबेरी के छोटे हार्वेस्टिंग सीजन के नाम पर रखा था. स्ट्रॉबेरी मून अपने नाम के बावजूद, चंद्रमा गुलाबी या लाल नहीं होता. बल्कि यह अक्सर सुनहरी या नारंगी दिखाई देता है, खासकर जब यह क्षितिज के करीब होता है. इसका रंग वातावरण में प्रकाश के बिखरने की वजह से बदलता है. 2025 का स्ट्रॉबेरी मून एक दुर्लभ खगोलीय घटना के साथ आ रहा है, जिसे मेजर लूनर स्टैंडस्टिल कहा जाता है. यह घटना हर 18.6 साल में एक बार होती है. इस दौरान चंद्रमा अपने सबसे निचले बिंदु से उदय और अस्त होगा. यह आम पूर्ण चंद्रमा से बड़ा और अधिक सुनहरा दिखाई देगा. अगली बार ऐसा नजारा 2043 में देखने को मिलेगा.

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भारत में Strawberry Moon कब और कहां दिखेगा?

तारीख: 11 जून 2025

समय: भारत में पूर्णिमा 1:15 PM (IST) पर होगी, लेकिन इसे शाम 7:00 PM के बाद देखना सबसे अच्छा रहेगा

स्थान: दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु जैसे शहरों में इसे आसानी से देखा जा सकता है

कैसे देखें: खुले आसमान में, जहां कम रोशनी प्रदूषण हो.

Strawberry Moon क्यों है खास?

सबसे कम ऊंचाई पर दिखने वाला पूर्ण चंद्रमा – यह पिछले 20 वर्षों में सबसे नीचे रहेगा.

गर्म, सुनहरी चमक – इसका रंग गुलाबी या लाल नहीं, बल्कि सुनहरा होगा

खगोलीय संयोग – यह गर्मी के मौसम की शुरुआत का संकेत देता है.

Strawberry Moon देखने के टिप्स

खुले स्थान पर जाएं – शहर की रोशनी से दूर रहकर इसे साफ-साफ देखा जा सकता है

बायनोक्यूलर या टेलीस्कोप का उपयोग करें – इससे चंद्रमा की सतह के शानदार दृश्य मिलेंगे

कैमरा और ट्राइपॉड साथ रखें – इस दुर्लभ घटना को कैद करने के लिए.

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Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

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