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AI पर चीन और अमेरिका के मुकाबले कहां खड़ा है भारत? कितना करते हैं खर्च?

भारत में AI में निवेश बढ़ रहा है, लेकिन यह अमेरिका और चीन की तुलना में कम है. हालांकि भारत सरकार ने एआई को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं और पहल शुरू की हैं.

बजट 2025 के अपने भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एआई के लिए खास प्रावधान किये हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में चीन और अमेरिका ने बड़ी प्रगति की है और दोनों देश इस तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए भारी निवेश कर रहे हैं. चीन के DeepSeek जैसे AI प्लैटफॉर्म ने ChatGPT और मेटा एआई जैसी कंपनियों को चुनौती दी है, वहीं अमेरिका एआई के क्षेत्र में सबसे आगे है.

भारत में भी AI पर चर्चा तेज हो गई है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या भारत इस तकनीक में चीन और अमेरिका से पिछड़ रहा है. इसके साथ ही, AI की प्रगति को लेकर इंफोसिस और उसके पूर्व CEO विशाल सिक्का का नाम अक्सर लिया जाता है, क्योंकि सिक्का ने AI और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों के लिए इंफोसिस में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे.

बजट 2025 के अपने भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एआई के लिए खास प्रावधान किये हैं. भारत ने AI के क्षेत्र में कई पहल की हैं, जैसे कि सरकारी योजनाएं, निजी क्षेत्र का निवेश और शिक्षा क्षेत्र में सुधार, लेकिन यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि क्या भारत चीन और अमेरिका के मुकाबले AI में अपनी ताकत को प्रभावी रूप से बढ़ा पाएगा. आइए जानें कि एआई के क्षेत्र में चीन और अमेरिका के मुकाबले कहां खड़ा है भारत.

एआई पर कितना खर्च कर रहा है अमेरिका ?

अमेरिका एआई अनुसंधान और विकास में अग्रणी है और इसमें सबसे अधिक निवेश कर रहा है. अमेरिकी सरकार और निजी कंपनियां मिलकर एआई में अरबों डॉलर का निवेश कर रही हैं. 2023 में, अमेरिका ने एआई और संबंधित क्षेत्रों में लगभग 20 अरब डॉलर का खर्च किया. इसके अलावा, अमेरिका में प्रमुख कंपनियां जैसे गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, और ऐपल भी एआई पर भारी निवेश कर रही हैं.

एआई पर चीन कितना खर्च कर रहा है ?

चीन भी एआई में महत्वपूर्ण निवेश कर रहा है, खासतौर पर एआई को औद्योगिक और सैन्य क्षेत्र में लागू करने के लिए. चीन ने 2023 में एआई अनुसंधान और विकास में करीब 10 अरब डॉलर का खर्च किया. इसके अलावा, चीनी सरकार ने 2030 तक एआई में वैश्विक नेतृत्व हासिल करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए चीन ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र से भारी निवेश जुटाया है.

भारत एआई पर कितना खर्च कर रहा है ?

भारत में एआई में निवेश बढ़ रहा है, लेकिन यह अमेरिका और चीन की तुलना में कम है. भारत ने 2023 में एआई पर लगभग 1-2 अरब डॉलर का खर्च किया, हालांकि भारत सरकार ने एआई को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं और पहलें शुरू की हैं. इन योजनाओं के तहत सरकारी निवेश बढ़ने की संभावना है, खासतौर पर शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्रों में एआई के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए.

कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि अमेरिका और चीन एआई में भारी निवेश कर रहे हैं, जबकि भारत का निवेश अभी सीमित है, लेकिन भविष्य में इसके बढ़ने की संभावना है. इन देशों का एआई में निवेश उनकी आर्थिक, सैन्य और तकनीकी प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए अहम है.

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Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

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