Agiaon Vidhan Sabha Chunav 2025: अगिआँव, बिहार के भोजपुर जिले के पश्चिमी हिस्से में स्थित एक मध्यम आकार का गांव है. यह भोजपुर और रोहतास जिलों की सीमा के निकट स्थित है. पहले अगिआँव, आरा विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा था, लेकिन 2008 में चुनाव आयोग द्वारा की गई परिसीमन प्रक्रिया के बाद इसे एक अलग विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया. यह क्षेत्र अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित किया गया और आरा लोकसभा सीट का सातवां खंड बन गया.
अगिआँव विधानसभा क्षेत्र तीन प्रखंडों को समेटे हुए है- चारपोखरी (पीरो अनुमंडल के अंतर्गत) और गरहनी व अगिआँव दोनों आरा सदर अनुमंडल के अंतर्गत आते हैं. यह एक पूर्णतः ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र है, जिसमें कोई भी शहरी मतदाता शामिल नहीं है.
अगिआँव विधानसभा सीट का इतिहास
अब तक अगिआँव में केवल चार विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें 2024 का उपचुनाव भी शामिल है. 2010 में हुए पहले चुनाव में बीजेपी ने आरजेडी को 5,249 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी. 2015 में जेडीयू ने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर आरजेडी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और 14,704 वोटों से विजय प्राप्त की. उस चुनाव में बीजेपी दूसरे स्थान पर रही.
2020 में राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव देखने को मिला. जेडीयू फिर से एनडीए में शामिल हो गया, जबकि सीपीआई(एमएल)(एल), जो पहले दो चुनावों में तीसरे स्थान पर थी, महागठबंधन का हिस्सा बन गई. जेडीयू की गठबंधन बदलने की नीति मतदाताओं को रास नहीं आई. बीजेपी समर्थित जेडीयू उम्मीदवार को सीपीआई(एमएल)(एल) के उम्मीदवार ने 48,550 वोटों के भारी अंतर से हराया.
हालांकि, विजयी विधायक मनोज मंजिल को हत्या के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिससे 2024 में उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी. इस उपचुनाव में भी सीपीआई(एमएल)(एल) ने सीट बरकरार रखी, हालांकि इस बार जीत का अंतर घटकर 29,835 वोट रह गया.
अगिआँव विधानसभा सीट का समीकरण
अगिआँव विधानसभा का जातीय समीकरण देखें तो 2010 में पिरो और जगदीशपुर विधानसभा के कुछ भाग को काटकर अस्तित्व में आई. अगिआँव विधानसभा से पहले विधायक भाजपा के शिवेश कुमार बने थे. यहां के जातीय समीकरण में प्रमुख रूप से राजपूत वोटर 30 हजार, यादव वोटर 60 हजार, पिछड़ा अतिपिछड़ा 40 हजार , भूमिहार वोटर 25 हजार , पासवान वोटर करीब 20 हजार, अल्पसंख्यक 20 हजार के करीब हैं.
2011 की जनगणना के अनुसार, अगिआँव प्रखंड की कुल जनसंख्या 1,48,373 थी, जिसमें प्रति 1,000 पुरुषों पर 920 महिलाएं थीं. साक्षरता दर 67.90% रही, जिसमें पुरुष साक्षरता 81.15% और महिला साक्षरता 53.40% रही, यानि लैंगिक अंतर 27.75% का रहा. गरहनी प्रखंड की जनसंख्या 1,32,620 थी, जहां लिंगानुपात 919 और साक्षरता दर 66.77% थी, जिसमें पुरुष: 79.14% और महिला: 53.30% हैं. वहीं जिससे लैंगिक साक्षरता अंतर 25.84% था.
चारपोखरी प्रखंड में 1,01,363 लोग रहते थे. यहां लिंगानुपात 907 और साक्षरता दर 68.86% थी, जो बाकी दोनों प्रखंडों से बेहतर थी. यहां साक्षरता में लैंगिक अंतर 27.08% (पुरुष: 81.91%, महिला: 54.83%) रहा.
इन तीनों प्रखंडों में अनुसूचित जातियों की संख्या आगिआंव में 16.68%, गरहनी में 17.55% और चारपोखरी में 21.44% है. यह क्षेत्र एससी के लिए आरक्षित घोषित किया गया.
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2020 के विधानसभा चुनाव में अगिआँव के 2,68,019 पंजीकृत मतदाताओं में अनुसूचित जाति के मतदाता 18.3% थे, जबकि मुस्लिम मतदाता लगभग 6% थे. मतदान प्रतिशत मात्र 52.54% रहा, यानी लगभग आधे मतदाताओं ने मतदान नहीं किया.
जेडीयू की गिरती साख और बीजेपी की संभावित दावेदारी के बीच 2025 के चुनावों में अगिआँव सीट पर एनडीए की राह आसान नहीं दिखती. खासकर तब, जब सीपीआई(एमएल)(एल) ने 2024 के लोकसभा चुनाव में आरा सीट पर जीत दर्ज की और अगिआँव विधानसभा खंड में बढ़त हासिल की. अगिआँव की बदलती राजनीति और सामाजिक संरचना इसे बिहार की राजनीति का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना रही है.