Amour Vidhan Sabha Chunav 2025: पूर्णिया जिले की अमौर विधानसभा सीट एक बार फिर बिहार की सियासत के केंद्र में है. 69.8% मुस्लिम आबादी वाली इस सीट पर 2025 का विधानसभा चुनाव न सिर्फ दलों की ताकत को परखेगा, बल्कि सीमांचल में मुस्लिम वोट बैंक की दिशा भी तय करेगा. यहां पर अब तक 18 चुनाव हो चुके हैं, जिनमें कांग्रेस ने 8 बार जीत दर्ज की, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी 4 बार जीत हासिल कर यह साबित किया कि यहां चेहरा, पार्टी से बड़ा होता है. 2020 में AIMIM के अख्तरुल ईमान की जीत ने न सिर्फ अमौर, बल्कि सीमांचल में पार्टी को नई पहचान दी थी. अब सवाल यह है कि क्या वह फिर से AIMIM के टिकट पर उतरेंगे या फिर उनकी संभावित “घर वापसी” (RJD में) चुनावी समीकरण बदल देगी.
अमौर सीट पर 2025 में दिलचस्प मुकाबला तय
अमौर ने कई बार चौंकाने वाले नतीजे दिए हैं. 2010 में भाजपा के सबा जफर की जीत ने सभी को हैरान कर दिया था. हालांकि 2015 में कांग्रेस के अब्दुल जलील मस्तान ने वापसी की, लेकिन 2020 में AIMIM ने सीट छीन ली. अब RJD, कांग्रेस और AIMIM तीनों दल इस सीट को लेकर रणनीतिक मंथन में जुटे हैं.
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सभी प्रमुख दलों की नजर अमौर पर
RJD, सीमांचल में AIMIM के बढ़ते प्रभाव से चिंतित है और अख्तरुल ईमान को वापस लाकर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है. उधर, कांग्रेस, जो कभी यहां की सबसे मजबूत पार्टी थी, अब पुराने जनाधार की वापसी के लिए नए चेहरे की तलाश में है. BJP, यहां कमजोर मानी जाती है, लेकिन सोशल इंजीनियरिंग और पिछड़े वर्गों के सहारे अपनी जगह बनाने की कोशिश कर सकती है.
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