Barauli Vidhan Sabha Chunav 2025: बरौली विधानसभा सीट पर 1995 के चुनाव में भी नेमतुल्लाह ने राम प्रवेश राय को हराया था. वहीं राम प्रवेश राय ने 2000, फरवरी 2005, अक्टूबर 2005 और 2010 में नेमतुल्लाह को हराया था.
बात कुल चुनावों की करें तो यहां से अभी तक 5 बार कांग्रेस, 4 बार BJP, 2 बार निर्दलीय, 1-1 बार RJD, जनता दल, कांग्रेस (यू), कांग्रेस (ओ) और सीपीआई को जीत मिल चुकी है. कांग्रेस और भाजपा के अलावा, इस सीट पर दो बार निर्दलीय और एक-एक बार सीपीआई, जनता दल और आरजेडी ने भी जीत हासिल की है.
सीट का इतिहास
बरौली विधानसभा सीट गोपालगंज लोकसभा के तहत आता है. 1951 में ही बरौली सीट अस्तित्व में आ गया था. 1951 में इस सीट पर हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी कैंडिडेट अब्दुल गफ्फार मियां ने बरौली में जीत हासिल की थी. वहीं 1957 में हुए चुनाव में बरौली सीट से कांग्रेसी कैंडिडेट अब्दुल गफूर ने जीत हासिल की थी.
1962 में बरौली सीट से कांग्रेसी कैंडिडेट गोरख राय ने जनता का समर्थन जीत लिया था. 1967 में निर्दलीय कैंडिडेट बी राय ने सभी विरोधियों को मात देने में कामयाबी हासिल की थी. 1969 में यहां से सीपीआई कैंडिडेट बिजुल सिंह ने जनता का समर्थन हासिल कर लिया था. 1972 में बरौली सीट से एनसीओ की टिकट पर ब्रजकिशोर नारायण सिंह ने विरोधियों को मात दे दिया था.
वहीं 1977 और 1980 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट अब्दुल गफूर ने बरौली में लगातार जीत हासिल की थी. 1985 के चुनाव में बरौली सीट से कांग्रेसी कैंडिडेट अदनान खान ने जीत हासिल की थी. 1990 में बरौली सीट से निर्दलीय कैंडिडेट ध्रुव नाथ चौधरी ने जीत हासिल की थी.
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वहीं 1995 में इस सीट से जनता दल के कैंडिडेट मोहम्मद नेमतुल्लाह ने जीत का परचम लहरा दिया था. 2000,2005 और 2010 के विधानसभा चुनाव में बरौली सीट से बीजेपी के कैंडिडेट राम प्रवेश राय ने लगातार जनता का समर्थन हासिल किया था लेकिन 2015 के चुनाव में आरजेडी की टिकट पर मोहम्मद नेमतुल्लाह ने बरौली में विरोधियों को करारी शिकस्त दे दी थी. वहीं 2020 के चुनाव में बरौली में बीजेपी की टिकट पर राम प्रवेश राय ने यहां बाजी पलट दी थी.
बरौली सीट पर जातीय समीकरण
बरौली विधानसभा सीट पर मुस्लिम और यादव की संख्या अच्छी खासी है. साथ ही राजपूत, ब्राह्मण, कोइरी, रविदास और पासवान वोटरों की संख्या भी निर्णायक स्थिति में है. राम प्रवेश राय के जरिए बीजेपी ने पिछली बार यादव वोट बैंक में भी सेंध लगाई थी. अगर इस बार भी बीजेपी ने राम प्रवेश राय को टिकट दिया तो यहां से आरजेडी को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.