Bihar Legislative Assembly Election 2025: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने देश में निष्क्रिय और अप्रासंगिक हो चुके राजनीतिक दलों पर बड़ी कार्रवाई की है. आयोग ने 345 रजिस्टर्ड गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (Registered Unrecognized Political Parties – RUPPs) को डीलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ये वे दल हैं जो वर्ष 2019 से अब तक किसी भी चुनाव में भाग नहीं ले पाए हैं और जिनका देशभर में कोई भौतिक कार्यालय अस्तित्व में नहीं है.
राजनीतिक दल नहीं मान रहे जरूरी शर्तें
इस निर्णय की घोषणा मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार, निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की अध्यक्षता में की गई. आयोग के अनुसार, देशभर में पंजीकृत 2800 से अधिक RUPPs में से कई दल जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29A के तहत राजनीतिक दल बने रहने की अनिवार्य शर्तों को पूरा नहीं कर रहे हैं.
राष्ट्रव्यापी सत्यापन और पहला चरण
ECI ने इन दलों की पहचान के लिए एक राष्ट्रव्यापी जांच अभियान चलाया है. पहले चरण में अब तक 345 राजनीतिक दलों की पहचान की जा चुकी है जो पिछले छह वर्षों में निष्क्रिय रहे हैं और जिनका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं पाया गया है.
कानूनी प्रक्रिया का पालन
किसी भी राजनीतिक दल को अनुचित रूप से डीलिस्ट न किया जाए, इसके लिए आयोग ने संबंधित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) को निर्देश दिया है कि वे इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करें. साथ ही, संबंधित दलों को अपना पक्ष रखने और सुनवाई का अवसर भी दिया जाएगा. डीलिस्टिंग का अंतिम निर्णय भारत निर्वाचन आयोग ही लेगा.
क्यों है यह कदम अहम?
राजनीतिक दलों को पंजीकरण के बाद कर छूट समेत कई सुविधाएं मिलती हैं. आयोग का यह कदम उन दलों पर लगाम लगाने की दिशा में है जो राजनीतिक व्यवस्था का हिस्सा तो हैं, लेकिन किसी चुनावी प्रक्रिया में भाग नहीं लेते और केवल पंजीकरण का लाभ उठाते हैं.
आगे भी जारी रहेगा अभियान
ECI ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया केवल शुरुआत है. ऐसे दलों की पहचान और डीलिस्टिंग का अभियान पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आगे भी जारी रहेगा. यह कदम चुनावी व्यवस्था को स्वच्छ, पारदर्शी और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है.