Bihar Sharif Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार के नालंदा जिले में स्थित बिहारशरीफ विधानसभा सीट राजनीतिक इतिहास की एक दिलचस्प मिसाल पेश करती है. बिहारशरीफ में विधानसभा का पहला चुनाव साल 1967 में हुआ. इस चुनाव में सीपीआई को जीत मिली थी. सीपीआई को 1969 के चुनाव में भी जीत मिली थी. इसके बाद 1972 के चुनाव में भारतीय जनसंघ सीपीआई पर जीत दर्ज करती है. और अगले ही चुनाव में सीपीआई फिर यहां पर वापसी करती है. 1980 में मिली जीत सीपीआई की यहां पर आखिरी जीत थी. बिहारशरीफ में पिछले तीन चुनावों में डॉक्टर सुनील कुमार ने जीत हासिल की है. सीएम ने अपने इस कार्यकाल के आखिरी कैबिनेट विस्तार में उन्हें मंत्री बनाया.
पिछले तीन चुनावों से जारी है जीत का
2020: बीजेपी के डॉ. सुनील कुमार ने आरजेडी के सुनील कुमार को 15,102 मतों के अंतर से हराया. यह उनकी लगातार तीसरी जीत थी. बिहार शरीफ विधानसभा सीट पर 3 नवंबर 2020 को मतदान हुआ था, जिसमें 48.36% मतदान हुआ. डॉ. सुनील कुमार ने 15,102 मतों के अंतर से जीत दर्ज की, जो बीजेपी की लगातार तीसरी जीत थी.
2015: डॉ. सुनील कुमार ने बीजेपी के टिकट पर जेडीयू के मोहम्मद असगर शमीम को 2,340 वोटों के अंतर से हराया.
2010: जेडीयू के टिकट पर डॉ. सुनील कुमार ने आरजेडी की आफरीन सुल्ताना को 23,712 वोटों के अंतर से हराया.
सामाजिक ताना-बाना:
बिहार शरीफ की कुल जनसंख्या 4,35,814 है, जिसमें 33.05% ग्रामीण और 66.95% शहरी आबादी है. यह सीट कोरी जाति के प्रभाव वाली मानी जाती है. बिहार शरीफ विधानसभा सीट पर डॉ. सुनील कुमार की लगातार जीत इस बात का संकेत है कि उन्होंने स्थानीय मुद्दों, विकास कार्यों और सामाजिक समीकरणों को समझते हुए जनता का विश्वास जीता है. उनकी यह सफलता राजनीति में जातीय समीकरणों के महत्व को भी दर्शाती है.
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