RJD Chief Lalu Yadav: चारा घोटाले से जुड़ा एक पुराना मामला एक बार फिर लालू प्रसाद यादव के लिए कानूनी सिरदर्द बन गया है. झारखंड हाईकोर्ट ने CBI की उस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है जिसमें लालू यादव की सजा बढ़ाने की मांग की गई है. CBI का कहना है कि देवघर कोषागार से अवैध निकासी जैसे गंभीर मामले में साढ़े तीन साल की सजा पर्याप्त नहीं है.
किस बात पर फिर शुरू हुई सुनवाई?
यह मामला उस अवैध निकासी से जुड़ा है जिसमें लालू यादव के साथ-साथ दो अन्य अभियुक्त बेक जूलियस और सुधीर कुमार भट्टाचार्य को भी दोषी करार दिया गया था. निचली अदालत ने सभी को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी. लेकिन अब CBI का कहना है कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए अधिकतम सजा दी जानी चाहिए.
CBI ने क्यों उठाई सजा बढ़ाने की मांग?
सीबीआई का तर्क है कि घोटाले ने न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग किया, बल्कि जनता के भरोसे को भी तोड़ा. ऐसे में निचली अदालत की सजा अपराध की गंभीरता के अनुरूप नहीं है. एजेंसी चाहती है कि दोषियों को कड़ी सजा देकर एक मजबूत संदेश दिया जाए.
चुनाव से पहले RJD को झटका
बिहार में विधानसभा चुनावों में अब सिर्फ तीन महीने बचे हैं. ऐसे में CBI की इस याचिका ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है. अगर हाईकोर्ट लालू यादव की सजा बढ़ा देता है और उन्हें जेल जाना पड़ता है, तो यह RJD के लिए चुनावी रणनीति पर बड़ा असर डाल सकता है. हाईकोर्ट ने अभी सिर्फ याचिका को स्वीकार किया है. सुनवाई की तारीख तय होते ही कानूनी दांव-पेंच शुरू हो जाएंगे.