Mohiuddin Nagar Vidhan Sabha Chunav 2025: मोहिद्दीननगर विधानसभा सीट पर पिछले तीन विधानसभा चुनावों में सियासी तस्वीर लगातार बदलती रही है. यहां के मतदाताओं ने हर चुनाव में नया जनादेश देकर यह साबित किया है कि वे सिर्फ वादों पर नहीं, काम पर वोट देते हैं. इस सीट ने पिछले एक दशक में कई उलटफेर देखे हैं, जो बिहार की राजनीति में इसकी अहमियत को दर्शाते हैं.
2010: BJP की मजबूत पकड़
2010 के विधानसभा चुनाव में राणा गंगेश्वर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के टीकट पर जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की. एनडीए की लोकप्रियता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विकास पुरुष वाली छवि का सीधा असर मोहिद्दीननगर पर भी दिखा. तब बीजेपी प्रत्याशी ने मजबूत मुकाबले के बावजूद बाजी मारी.
2015: महागठबंधन की लहर में आरजेडी को मिली जीत
2015 में जब बिहार में महागठबंधन (राजद-जेडीयू-कांग्रेस) बनकर चुनाव लड़ा गया, तो मोहिद्दीननगर में भी इसका असर दिखा. इस बार राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की एज्या यादव ने बाजी मारी और सीट अपने नाम की. सामाजिक समीकरणों और जातीय संतुलन ने इस चुनाव में अहम भूमिका निभाई.
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2020: फिर बदला समीकरण, BJP की वापसी
2020 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर राजनीतिक समीकरण बदले. बीजेपी ने आरजेडी को कड़ी टक्कर देते हुए यह सीट दोबारा अपने कब्जे में ली. इस बार मुकाबला बीजेपी के राजेश सिंह और आरजेडी की एज्या यादव के बीच बेहद कांटे का रहा. एनडीए के विकास के दावे और नीतीश सरकार के पुराने जनाधार ने जीत में अहम भूमिका निभाई और बीजेपी ये सीट जीत गई.