Rafiganj Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार की रफीगंज विधानसभा सीट ने बीते तीन चुनावों में राजनीतिक बदलाव का ऐसा सफर तय किया है, जो पूरे मगध क्षेत्र की राजनीति का संकेत देता है. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने यहां अपना खोया जनाधार फिर से हासिल किया, जबकि उससे पहले जनता दल यूनाइटेड (JD(U)) दो बार लगातार सीट पर काबिज रही थी.
तीन चुनाव, दो चेहरे
रफीगंज की राजनीति बीते तीन चुनावों में दो प्रमुख चेहरों के इर्द-गिर्द घूमती रही मोहम्मद नेहालुद्दीन RJD और अशोक कुमार सिंह JDU. 2010 और 2015 में अशोक कुमार सिंह ने JD(U) की ओर से जीत दर्ज कर अपने प्रभाव को कायम रखा, लेकिन 2020 में मोहम्मद नेहालुद्दीन ने जबरदस्त वापसी की और RJD के टिकट पर जीत हासिल की, जिससे रफीगंज में सत्ता परिवर्तन हुआ.
2020 का चुनाव परिणाम
उम्मीदवार | पार्टी | वोट्स | स्थिति |
मोहम्मद नेहालुद्दीन | RJD | 63,325 | विजेता |
प्रमोद कुमार सिंह | निर्दलीय | 53,896 | उपविजेता |
अशोक कुमार सिंह | JD(U) | 26,833 | तीसरा स्थान |
2015 और 2010 में JD(U) का दबदबा
- 2015: अशोक कुमार सिंह (JD(U)) ने LJP के प्रमोद सिंह को लगभग 9,500 वोटों से हराया.
- 2010: वही अशोक सिंह ने RJD के नेहालुद्दीन को करीब 23,000 वोटों के अंतर से पराजित किया था. इस दौर में नीतीश कुमार के नेतृत्व में JD(U) की पकड़ इस क्षेत्र में मजबूत मानी जा रही थी.
जनसंख्या और जातीय समीकरण
रफीगंज विधानसभा क्षेत्र में लगभग 3 लाख मतदाता हैं. इनमें अनुसूचित जाति के लगभग 27%, मुस्लिम मतदाता करीब 14%, और बाकी अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) तथा सामान्य वर्ग शामिल हैं. क्षेत्र मुख्यतः ग्रामीण है, जिससे स्थानीय मुद्दे और जातीय समीकरण निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
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