Manish Kashyap Join Jan suraaj: सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक अपनी मुखरता के लिए पहचान बना चुके चर्चित यूट्यूबर और पूर्व भाजपा नेता मनीष कश्यप ने अब प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया है. सोमवार को पटना के शेखपुरा हाउस में प्रशांत किशोर ने मनीष कश्यप को पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस दौरान मनीष कश्यप काफी भावुक नजर आए और कहा, “मेरे पास शब्द नहीं है, कुछ नहीं बोल पा रहा हूं.”
मनीष बिहार को बदलना चाहता है- PK
इस मौके पर प्रशांत किशोर ने मनीष कश्यप का स्वागत करते हुए कहा, “मनीष बिहार का वो लड़का है, जो इसे बदलना चाहता है ताकि आने वाली पीढ़ियों को ‘बिहारी’ कहलाना अपमान न लगे.” प्रशांत किशोर ने मंच से कहा कि मनीष किसी बड़े उद्योगपति का बेटा नहीं है, बल्कि उसने संघर्ष और मेहनत से अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने जन सुराज में मनीष की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि वह बदलाव की आवाज हैं.
2025 में प्रशांत किशोर को मौका दीजिए, बिहार बदलेगा
इस दौरान मनीष कश्यप ने भी अपने तीखे तेवरों के साथ जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा, “हम भाजपा में 13 महीने थे, लेकिन बिहार की सच्चाई किसी से छिपी नहीं है. यहां लूट मची है. बिहार को सुरक्षित करने के लिए जन सुराज की सरकार बनाना जरूरी है.”
मनीष ने आगे कहा, “2025 का विधानसभा चुनाव बिहार के भाग्य का चुनाव है. प्रशांत किशोर को मौका दीजिए हम पूरे विश्वास से कह सकते हैं कि आने वाले 5 साल बिहार के युवाओं, किसानों और आम लोगों के होंगे.”
सोशल मीडिया पर दी थी सूचना
इससे पहले मनीष ने सोशल मीडिया पर प्रशांत किशोर और जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह के साथ तस्वीर साझा कर पार्टी में शामिल होने की सूचना दे दी थी. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा-
“बुझी हुई आश जलाएंगे हम,
घर-घर रोशनी पहुंचाएंगे हम,
पलायन का दर्द मिटाएंगे हम,
फिर से नया बिहार बनाएंगे हम”
चनपटिया से लड़ सकते हैं चुनाव
सूत्रों के मुताबिक, मनीष कश्यप अब जन सुराज के टिकट पर पश्चिम चंपारण जिले की चनपटिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. पार्टी के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बेतिया और मोतिहारी से सैकड़ों लोग पटना पहुंचे थे.
25 अप्रैल 2024 को ली थी भाजपा की सदस्यता
गौरतलब है कि मनीष कश्यप ने भाजपा की सदस्यता 25 अप्रैल 2024 को ली थी, लेकिन महज डेढ़ साल में ही उन्होंने 7 जून 2025 को फेसबुक लाइव के जरिए पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी. बीजेपी छोड़ने के पीछे उन्होंने पार्टी के मौन रवैये और राज्य में कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न को मुख्य वजह बताया था.