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ishq vishk rebound movie review:प्यार और कन्फ्यूजन की वही पुरानी है कहानी

ishq vishk rebound शाहिद कपूर की यादगार फिल्म इश्क़ विश्क से सिर्फ नाम में ही मैच कर पायी है .एंटरटेनमेंट के मामले में फिल्म बहुत पीछे रह गयी है .

फिल्म – इश्क़ विश्क रिबाउंड
निर्माता – टिप्स फिल्म्स
निर्देशक -निपुण धर्माधिकारी
कलाकार -रोहित सराफ, पश्मीना रोशन ,जिब्रान खान , नैला ,शीबा चड्ढा, सुप्रिया और अन्य
प्लेटफार्म – सिनेमाघर
रेटिंग – दो

ishq vishk rebound :2003 में रिलीज हुई शाहिद कपूर और अमृता राव स्टारर फिल्म इश्क़ विश्क में रिबाउंड शब्द को जोड़कर इस फिल्म को GEN Z की कहानी कहकर प्रचारित किया जा रहा था .जिसका मतलब हालिया ब्रेकअप से उबरे बिना दूसरे रिश्ते में पड़ जाना है. इस शब्द के फिल्म के शीर्षक में मौजूद होने से लगा था कि GEN Z के जटिल रिश्ते को फिल्म दिखाएगी लेकिन रिबाउंड शब्द बस फिल्म में शब्द बनकर ही रह गया है. असल में प्यार और कन्फ्यूजन की वही कहानी जो अब तक कई बार स्क्रीन पर दोहरायी जा चुकी है. फिल्म में जेन जी की लव स्टोरी जैसा कुछ अलग नहीं है.शाहिद के अलावा इस फिल्म का कनेक्शन ह्रितिक रोशन से भी है क्योंकि उनकी चचेरी बहन पश्मीना रोशन इस फिल्म से हिंदी सिनेमा में अपनी शुरुआत कर रही हैं,लेकिन कहानी की तरह उनका परफॉरमेंस भी कमजोर रह गया है .उनको खुद पर काम करने की जरूरत है.कुलमिलाकर एक घंटे चालीस मिनट की छोटी अवधि के बावजूद यह फिल्म मनोरंजन करने से चूकती है.

प्यार और कन्फ्यूजन वही पुरानी है कहानी
फिल्म की कहानी देहरादून में रहने वाले तीन दोस्तों की है। राघव (रोहित सराफ ),सान्या (पश्मीना )और साहिर (जिब्रान )की है , जो बचपन के एक दूसरे के दोस्त है लेकिन बड़े होने के साथ सान्या और साहिर की दोस्ती प्यार में बदल जाती है.दोनों में आये दिन झगड़े भी होते रहते हैं , जिसमें राघव उनका बाउंसिंग बोर्ड होता है. इसी बीच राघव की जिंदगी में तान्या (नैला )की एंट्री होती है. सबकुछ थोड़े समय के लिए ठीक चल रहा होता है,लेकिन फिर अचानक तान्या, राघव से यह कहते हुए ब्रेकअप कर लेती है कि उसकी जिंदगी में सिर्फ उसके दोस्त हैं. उसके लिए कोई जगह नहीं है.इधर साहिर और सान्या का भी ब्रेकअप हो जाता है और कहानी में ट्विस्ट ये आ जाता है कि राघव और सान्या एक दूसरे के करीब आ जाते हैं. सान्या को यकीं हो जाता है कि राघव से ही उसे सच्चा प्यार है, लेकिन राघव का कन्फ्यूजन अभी भी खत्म नहीं हुआ है. क्या ये रिश्ता रिबाउंड वाला है. मुश्किल तब और बढ़ जाती है जब इनकी जिंदगी में साहिर और तान्या की भी एंट्री हो जाती है. क्या होगा सान्या और राघव की लव स्टोरी का. यही आगे की कहानी है.

फिल्म की खूबियां और खामियां
फिल्म की कहानी GEN Z के प्यार,दोस्ती और ब्रेकअप की कहानी है लेकिन यह प्यार, कन्फ्यूजन और लव ट्रायंगल की कहानी को ही सामने लेकर आ पायी है. फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा ठीक है. सेकेंड हाल्फ में कहानी पटरी से उतर जाती है.रिश्तों के उलझते ही कहानी भी बिगड़ जाती है. फिल्म की मूल कहानी बहुत कमजोर है लेकिन साइड स्टोरी जरुरी अच्छी है. राघव के माता – पिता रिश्ते की सच्चाई जिस तरह से सामने आती है. वह ट्रैक दिलचस्प है. हालांकि राघव सच्चाई जानने के बाद अपने माता – पिता से बात तक नहीं करता है बल्कि अपने प्यार के रिश्ते में ही खोया रहता है.जिससे वह ट्रैक अधूरा सा रह गया है. सान्या का किरदार अचानक से राघव के कहने पर गोल्फ खेलना छोड़ देता है और फिर राघव के गोल्फिंग स्टिक लाने से शुरू कर देता है. जिससे यह किरदार बहुत कमजोर रह गया है. राघव को क्यों लगता है कि सान्या ही उसका असली प्यार है, जबकि अपनी कहानी में वह तान्या के पास वापस जाता है. फिल्म की कहानी की यह बात भी अखरती है कि इसे चार लोगों की कहानी कहकर प्रमोट किया गया था लेकिन असल में यह दो लोगों पर ही फोकस करती है.गीत संगीत की बात करें तो फिल्म की कहानी की कहानी और किरदारों को भले ही 2003 में रिलीज हुई फिल्म इश्क विश्क से कोई कनेक्शन नहीं है,लेकिन उस फिल्म का टाइटल ट्रैक और सिग्नेचर डांस स्टेप इस फिल्म में जोड़ा गया है, जो इस फिल्म को एक खास टच दे गया है. गोर – गोरे मुखड़े पर काला चस्मा गीत का रिक्रिएट वर्जन भी फिल्म के आखिर में बजता है.बाकी के गाने याद नहीं रह जाते हैं। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी अच्छी है. देहरादून की खूबसूरती को परदे पर दिखाया गया है. संवाद औसत हैं.

पश्मीना को खुद पर काम करने की है जरूरत
अभिनय की बात करें तो यह रोहित सराफ की फिल्म है. पूरी मजबूती के साथ उन्होंने इसे कंधे पर उठाया है.परदे पर बहुत क्यूट भी दिखें हैं. रोहित के बाद जिस कलाकार ने सबसे अधिक ध्यान खिंचा वह नैला ग्रेवाल थी, लेकिन अफ़सोस उनके करने के लिए फिल्म में कुछ नहीं था. फिल्म में वह गिने -चुने दृश्यों में नजर आयी हैं. जिब्रान खान की लॉन्चिंग भी इस फिल्म से हुई है। उनका अभिनय सधा हुआ है. इस फिल्म से पश्मीना रोशन की लॉन्चिंग हुई है.वह रोहित के साथ पूरी फिल्म में हैं. असल में यह उनकी ही कहानी है, लेकिन परफॉरमेंस में वह सभी के मुकाबले बहुत पीछे रह गयी हैं. उन्हें खुद पर बहुत काम करने की जरूरत है खासकर संवाद अदाएगी पर उन्हें बहुत मेहनत करना होगा.

Urmila Kori
Urmila Kori
I am an entertainment lifestyle journalist working for Prabhat Khabar for the last 12 years. Covering from live events to film press shows to taking interviews of celebrities and many more has been my forte. I am also doing a lot of feature-based stories on the industry on the basis of expert opinions from the insiders of the industry.

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