Agriculture university news from Samastipur:समस्तीपुर : जिले में किसानों के आय का एक मजबूत स्त्रोत आम की फसल है. सफेद मालदह सहित कई तरह आम का बाग किसानों ने लगा रखा है. इस बार बाग में आम की फसल भी अच्छी है. आम के बागों में विगत वर्षों में फल मक्खी बहुत देखने को मिला थाङ जिससे किसानों काे नुकसान हुआ था. इसको देखते डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा किसानों के हित में समसायिक सुझाव जारी किये गये हैं. वैज्ञानिक ने कहा कि इस बार किसान सावधानी बरतें तथा फल मक्खी के प्रबन्धन के लिए छूट फ्लाई ट्रैप सबसे बढ़िया विकल्प है. इसका उपयोग करें. वैज्ञानिक ने कहा है कि आम के बाग में प्रति हेक्टेयर 15-20 फरोमैन ट्रैप लगाकर फूट फ्लाई मक्खी को प्रबंधित किया जा सकता है. इन ट्रैपो को निचली शाखाओं पर 4 से 6 फीट की ऊंचाई पर बांधना चाहिये. एक ट्रैप से दूसरे ट्रैप के बीच में 35 मीटर की दूरी रखें. ट्रैप को कभी भी सीधे सूर्य की किरणों में नहीं रखें. ट्रैप को आम की बहुत घनी शाखाओं के बीच में नहीं बाधना चाहिये. ट्रैप बाग में स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए की कहा बांधा गया है. ट्रैप बांधने की अवस्था फल पकने से 60 दिन से पहले होनी चाहिए और 6 से 10 सप्ताह के अंतराल पर नर की सुगंध बदलते रहना चाहिये. दूसरी ओर जारी समसायिक सुझाव के मुताबिक भिण्डी की फसल को लीफ हॉपर कीट द्वारा काफी नुकसान पहुंचाया जता है. यह कीट दिखने में सुक्ष्म होता है. इसके नवजात एवं व्यस्क दोनों पत्तियों पर चिपककर रस चुसते हैं. अधिकता की अवस्था में पतियों पर छोटे-छोटे घने उभर जाते हैं और पत्तियां पीली तथा पौधे कमजोर हो जाते हैं, जिससे फलन प्रभावित होता है. इस कीट का प्रकोप दिखाई देने पर इमिलाक्लोप्रिड 0.5 मिमी प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिडकाव करें. भिंडी फसल में माइट कीट की निगरानी करते रहें. प्रकोप दिखाई देने पर इथियॉन प्रति 1.5 से 2 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें. गरमा सब्जियों जैसे भिण्डी, नेनुआ, करेला, लौकी (कददू), और खीरा की फसल में निकाई-गुड़ाई करें. रबी फसल की कटाई के बाद खाली खेतों की गहरी जुताई कर खेत को खुला छोड़ दें, ताकि सूर्य की तेज धूप मिट्टी में छिपे कीड़ों के अंडे, प्यूपा एवं घास के बीजों को नष्ट कर दें. दुधारू पशुओं को नये गेहूं के भूसे को खिलाने से पहले दो घंटे पानी में भिंगोकर रखें.
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