कैलाशपति मिश्र,पटना
लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए गठबंधन में मिली सभी पांच सीटों पर जीत दर्ज करने वाली पार्टी LJP(ram) बिहार विधानसभा चुनाव में 2025 भी इससे दोहराने की तैयारी में है.इसके लिए LJP(ram) अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को बहुजन का नेता बनाने की तैयारी है.इसके लिए पार्टी 29 जून को राजगीर में बहुजन भीम संकल्प समागम करने जा रही है. यहां चिराग पासवान को बहुजन के नेता के रूप में प्रोजेक्ट किया जाएगा.सांसद और पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण भारती बताते हैं कि इस समागम में आठ जिलों के 30 विधानसभा क्षेत्रों से लोग आएंगे.वहीं आरा में हुई रैली में सात जिलों के 33 विधानसभा क्षेत्रों के लोगों को बुलाए गए थे.श्री भारती बताते हैं कि विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन में कितनी सीटें मिलेगी यह कहना अभी कठिन है,लेकिन पार्टी 2020 विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार नबंर दो व तीन पर थे,उन सीटों के लिए बातचीत करेंगे.चिराग को सामान्य विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़वाने की तैयारी
अरुण भारती बताते हैं कि कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि चिराग किसी आरक्षित सीट से नहीं, बल्कि एक सामान्य सीट से चुनाव लड़ें. ताकि यह संदेश जाए कि वो सिर्फ एक वर्ग के नेता नहीं, बल्कि पूरे बिहार के नेतृत्व को तैयार हैं. इसके पहले LJP(ram) के पदाधिकारियों की बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ कि चिराग पासवान विधान सभा चुनाव लड़े. इनके चुनाव लड़ने से कार्यकर्ता उत्साहित होंगे और इसका परिणाम अच्छा होगा.वोट प्रतिशत भी बढ़ेगा और सीटें भी बढ़ेंगी. श्री भारती बताते है कि हिंदी पटी के राज्यों में कांशीराम,मायावती और मुलायम सरीखे नेताओं की कमी है.इसको देखते हुए पार्टी एक विशेष रणनीति के तहत चिराग को प्रमोट कर रही है.उन्होंने कहा कि चिराग पासवान की स्वीकार्यता सभी वर्ग,जाति और धर्म में है.बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट के सिद्धांत के सहारे बिहार में कर रहे हैं राजनीति
चिराग पासवान का कहना है कि वो केंद्र की राजनीति में ज्यादा समय तक नहीं रहना चाहते हैं.उनका मन बिहार में रहता है.वे कई मंचों पर कहे हैं कि मेरा प्रदेश मुझे बुला रहा है.मेरी प्राथमिकता बिहार है. उनका यह भी मानना है कि ””बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट”” के एजेंडे पर काम करना जरूरी है.युवाओं के उम्मीद को बनाए रखने को बिहार फोकस होना होगा.जिस जिला में जाता हूं, युवाओं को विशेष उम्मीद बनने लगी है. ऐसे में केंद्र की राजनीति करते रहने से बिहार का मिशन पीछे छूट जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है