संवाददाता, देवघर . बाबा बैद्यनाथ ओर माता पार्वती की पूजा अर्चना के बाद श्रद्धालु मंदिर परिसर स्थित नंदी महाराज की पूजा अर्चना करना नहीं भूलते हैं. इतना ही नहीं नंदी बाबा की पूजा अर्चना कर अपनी मनोकामना व समस्या को उनके कानों में कहते हैं. लोगों का मानना है कि भक्तों की मनोकानाएं व उनकी समस्याओं को नंदी महाराज बाबा बैद्यनाथ तक पहुंचाते हैं और बाबा बैद्यनाथ वैसे भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं और उनकी समस्या को दूर करते हैं. इस कारण श्रावणी मेला में आये श्रद्धालु व कांवरिया बाबा बैद्यनाथ व माता पार्वती पर जलार्पण के बाद बाबा बैद्यनाथ मंदिर के निकास द्वार के दाहिने और विराजमान नंदी महाराज की पूजा अर्चना करना नहीं भूलते हैं. शास्त्रों में वर्णित है कि जहां- जहां शिवलिंग स्थापित है, वहां पर भगवान शिव के वाहन नंदी महाराज विराजमान रहते हैं, साथ ही उस क्षेत्र की रक्षा भी करते हैं. इसका प्रमाण शास्त्रों में भी किया गया है, जिसके अनुसार जब रावण कैलाश में भोलेनाथ से मिलने के लिए गये थे, तो उसे सर्वप्रथम नंदी महाराज से ही युद्ध करना पड़ा था, क्योंकि बगैर अनुमति के कोई भी भोलेनाथ के करीब नहीं जा सकते हैं. भोलेनाथ के प्रिय होने के कारण नंदी महाराज काे भक्तों में सबसे उच्च श्रेणी में रखा गया है. इसलिए नंदी महाराज शिव के वाहन के रूप में भी विद्यमान रहते है. कहा जाता है कि जो कोई भी श्रद्धालु सच्चे हदय से नंदी के कानों में अपनी बातों को कहता हैं. बाबा उनकी मनोकामना को जरूर पूरा करते हैं. इसलिए श्रावणी मेले के दौरान भी भक्त जलार्पण के बाद नंदी की पूजा अर्चना नहीं करना भूलते हैं.
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