मधुपुर . पाथरोल स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय में चहारदीवारी व प्लस-टू का भवन नहीं रहने से छात्र- छात्राओं को पठन पाठन में परेशानी का सामना करना पड रहा है. जर्जर भवन से शिक्षकों व छात्रों में डर का माहौल रहता है. विद्यालय में कुल 1430 छात्र- छात्राएं नामांकित है. प्लस-टू में कुल 800 व उच्च विद्यालय में 630 छात्र- छात्राएं अध्ययनरत है. इतने छात्र- छात्राओं के पठन- पाठन के लिए विद्यालय में पांच कक्षाएं ही हैं. उक्त विद्यालय को 2017 में प्लस-टू उच्च विद्यालय का दर्जा दिया गया था. लेकिन अब तक विभाग की ओर से प्लस-टू के भवन को अलग से नहीं बनाया गया है, जिस कारण कक्षा संचालित करने में शिक्षक समेत छात्र- छात्राओं को काफी परेशानी हो रही है. कमरों के अभाव में एक ही कक्षा में नौवीं व 10वीं कक्षा का संचालन किया जाता है. अगर सभी छात्र नियमित रूप से विद्यालय आ जाते है, तो विद्यालय परिसर में ही पेड़ के नीचे कक्षा संचालित करनी पड़ती है. बारिश के दिनों में कई कक्षाएं, जो पुरानी व जर्जर है. उससे पानी टपकता है. चहारदीवारी नहीं होने के कारण छात्र- छात्राए असुरक्षित महसूस करती हैं. विद्यालय से सटे एनएच-114 मुख्य सड़क है. आये दिन असामाजिक तत्वों की ओर से विद्यालय में तोड-फोड़ किया जाता है. विद्यालय में आइसीटी व कंप्यूटर की पढ़ाई एक ही कक्षा में लिया जा रहा है. उक्त कक्षा में पुस्तकालय भी संचालित है, जो अत्यंत जर्जर अवस्था में है, जिससे बारिश में छत से पानी रिसता है. क्या कहते है प्रभारी प्रधानाध्यापक फोटो- 13 संतोष कुमार ने कहा कि प्लस टू भवन व कक्षाओं की कमी के कारण विद्यालय संचालन में परेशानी होती है. विद्यालय में शिक्षक है. लेकिन कमरा नहीं रहने के कारण छात्र- छात्राओं को पठन- पाठन में परेशानी उठानी पड़ती है. प्रधान कक्ष व कार्यालय एक ही कमरे में चल रहा है. जर्जर भवन में ही 11वीं व 12वीं की पढ़ाई करायी जा रही है. कॉलेज में इंटरमीडिएट का नामांकन बंद होने के कारण विज्ञान, कला व वाणिज्य संकाय के छात्र- छात्राएं अपना नामांकन करा रहे है.
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