संवाददाता, देवघर. श्रीश्री 1008 निरंजनी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि जी महाराज इन दिनों बाबा की नगरी देवघर आये हुए हैं और पूरी तरह से देवघरिया रंग में रंगे नज़र आ रह हैं. शुक्रवार को वह विशेष रूप से सिमुलतल्ला के जंगलों में स्थानीय पुरोहितों के साथ पहुंचे और बेलपत्र तोड़ा, जिसे वह शनिवार को बाबा बैद्यनाथ को अर्पित करेंगे. पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री निर्मल झा मंटू ने बताया कि उनके आग्रह पर कैलाशानंद महाराज अन्य पुरोहितों के साथ जंगल में बेलपत्र तोड़ने पहुंचे. इस दौरान महामंत्री निर्मल झा ने कई अद्भुत बेलपत्र भेंट किये. त्रिनेत्र-सी आकृति वाले बेलपत्रों को देखकर महाराज जी भी चकित रह गये. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 15 से 18 घंटे तक साधना करता हूं, पूजा के लिए ट्रकों से फूल और बेलपत्र मंगाता हूं, लेकिन ऐसा बेलपत्र आज तक नहीं देखा. इस दौरान जंगल में ही महामंत्री ने बाबा नगरी में बेलपत्र तोड़ने की परंपरा और बमबम बाबा ब्रह्मचारी द्वारा शुरू की गयी इस आध्यात्मिक यात्रा के महत्व से महाराज को अवगत कराया. बेलपत्र तोड़ने की परंपरा और साधना की इस अनूठी संस्कृति से प्रेरित होकर ही उन्होंने बेलपत्र तोड़ने की इच्छा जतायी थी. पंडा धर्म रक्षिणी सभा के महामंत्री ने सभा की ओर से उन्हें साजी और डंडा भेंट किया. कैलाशानंद गिरि जी महाराज, सभा के महामंत्री सहित तीर्थ पुरोहित सुशील पलिवार, धीरज पलिवार, झलकू मिश्र और करीब 50 सुरक्षा गार्डों के साथ जंगल पहुंचे थे. जंगल में बेलपत्र तोड़ने के दौरान महाराज जी ने देवघर की इस विशिष्ट परंपरा की प्रशंसा की और कहा, इस भूमि के कण-कण में महादेव की कृपा समाई हुई है, तभी जंगल की कठिन यात्रा भी सहज हो जाती है.
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