संवाददाता, देवघर. हाड़ी जाति विकास मंच की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम सात सूत्री मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है. मंच की ओर से ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड राज्य बनने के 25 वर्षों बाद भी हाड़ी समाज को उसका न्याय नहीं मिल सका है. आर्थिक, सामाजिक व शैक्षणिक रूप से हाड़ी समाज आज भी पिछड़ेपन का शिकार है. ज्ञापन में मंच ने यह भी उल्लेख किया है कि पूर्व में भी 25 जनवरी को सात सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में पुनः बाध्य होकर हाड़ी समाज की ओर से लोकतांत्रिक तरीके से राज्य के हर जिले में एक दिवसीय धरना कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसके साथ ही मंगलवार को सभी जिलों में डीसी के माध्यम से मांग पत्र सौंपा गया. मांग पत्र में राज्य के सभी अनुसूचित जाति व जनजाति के भूमिहीन परिवारों को प्रखंड स्तर पर खास जमीन से 5-5 डिसमिल आवासीय जमीन दान रूप में उपलब्ध कराने,अनुसूचित जाति सूची के तेहरवें क्रम में दर्ज हाड़ी जाति के साथ संयुक्त रूप से लिखी गयी मेहतर व ””””भंगी जातियों को हटाकर केवल हाड़ी जाति को अलग से अंकित करने, अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति में हाड़ी समाज के किसी एक प्रतिनिधि को सदस्य के तौर पर शामिल करने, सफाई कामगार के रूप में कार्यरत हाड़ी समाज के लोगों को देखते हुए विधानसभा समिति में इनके एक प्रतिनिधि को भी सदस्य बनाने, झारखंड राज्य में सफाई कर्मचारी आयोग का गठन करने, हाड़ी समाज के युवाओं को जाति और आवास प्रमाण-पत्र सरल प्रक्रिया के माध्यम से शीघ्र निर्गत की व्यवस्था करने, ताकि वे उच्च शिक्षा से वंचित न रहें. हाड़ी समाज के समग्र विकास हेतु धनबाद में एक स्थायी कार्यालय की स्थापना करने, के बारे में जिक्र किया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है