27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

HEC News : एचइसी प्रबंधन और कामगारों की वार्ता बेनतीजा, आंदोलन जारी

रांची. एचइसी में आउटसोर्सिंग एजेंसी का विरोध कर रहे सप्लाई कर्मियों का आंदोलन शुक्रवार को 32वें दिन भी जारी रहा. इस बीच दोपहर 01:00 बजे प्रबंधन और आंदोलनकारियों के बीच

रांची. एचइसी में आउटसोर्सिंग एजेंसी का विरोध कर रहे सप्लाई कर्मियों का आंदोलन शुक्रवार को 32वें दिन भी जारी रहा. इस बीच दोपहर 01:00 बजे प्रबंधन और आंदोलनकारियों के बीच वार्ता हुई. करीब 1:30 घंटे तक वार्ता के दौरान प्रबंधन और सप्लाई कर्मी अपनी-अपनी शर्तों पर अड़े रहे. इस वजह वार्ता बेनतीजा रही और सप्लाई कर्मियों ने आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया.

सप्लाई कर्मियों ने कहा- किसी भी हाल में आउटसोर्सिंग एजेंसी के बंधुआ मजदूर नहीं बनेंगे

वार्ता में प्रबंधन की ओर से निदेशक कार्मिक और निदेशक उत्पादन शामिल हुए, जबकि कामगारों की ओर से प्रतिनिधिमंडल में सप्लाई संघर्ष समिति के मनोज पाठक, रंथू लोहरा, उवैश आजाद, वाइ त्रिपाठी, विकास शाहदेव, राजेश शर्मा, प्रमोद कुमार, शारदा देवी मौजूद थे. वार्ता शुरू होते ही प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट कर दिया कि सप्लाई कर्मी आउटसोर्सिंग एजेंसी के लिए बंधुआ मजदूरी नहीं करेंगे. समिति के मनोज पाठक ने बताया कि वार्ता के दौरान प्रबंधन के समक्ष मांग रखी गयी कि वर्ष 2010 के समझौते के तहत कामगारों को मिलनेवाली सभी पुरानी सुविधाएं बहाल की जायें. साथ ही इएल, सीएल, महंगाई भत्ता और पेड संडे के साथ सभी सप्लाई कर्मियों को प्लांट के अंदर ले जाया जाये. साथ ही रिटायर होनेवाले और काम छोड़नेवाले कर्मियों का पीएफ और ग्रेच्युटी का एकमुश्त भुगतान करने की भी मांग की.

इन मुद्दों पर भी सप्लाई कर्मियों ने जतायी नाराजगी

प्रतिनिधिमंडल ने कुछ मुद्दों पर एतराज भी जताया. कहा- पिछली बार एचइसी प्रबंधन ने अपने स्तर से कामगारों की अस्थायी नियुक्ति की और काम लिया. इसके बावजूद कामगारों का रविवार का वेतन काट लिया गया. वहीं, पिछले दिनों कार्मिक प्रमुख ने इएसआइ को पत्र लिख कर कह दिया था कि सितंबर 2023 से जनवरी 2024 तक सप्लाई कर्मी काम पर नहीं थे, इसलिए इन्हें इएसआइ सुविधा नहीं मिलेगी. प्रबंधन ने ऐसा कर के कामगारों के साथ अन्याय किया है.

वेतन में नहीं होगी कटौती, काम पर लौटें कर्मी : प्रबंधन

वार्ता के दौरान एचइसी के निदेशक कार्मिक मनोज लकड़ा ने प्रतिनिधिमंडल से कहा- सप्लाई कर्मी उत्पादन की रीढ़ हैं, इसलिए उन्हें काम पर लौटना चाहिए. उन्होंने कहा कि सप्लाई कर्मी लोकल ठेकेदार रखने की मांग कर रहे हैं, जो फिलहाल संभव नहीं है. अगली बार निविदा निकलने पर लोकल ठेकेदार भी शामिल हो सकते हैं. आउटसोर्सिंग एजेंसी के साथ काम करने पर सप्लाई कर्मियों को वेतन में कोई नुकसान नहीं होगा. उन्होंने बोनस भी मिलेगा. जहां तक वर्ष 2010 के समझौते के तहत मिलनेवाली सुविधाओं की बात है, तो उसे समय एचइसी का उत्पादन 600 करोड़ रुपये से अधिक था. मौजूदा समय में उत्पादन बहुत कम है. जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ेगा, कर्मियों की सुविधाओं में भी बढ़ोतरी होगी. वहीं, वर्तमान में वित्तीय संकट के कारण प्रबंधन सप्लाई कर्मियों का एकमुश्त बकाया वेतन, पीएफ और ग्रेच्युटी देने में अक्षम है. जो सप्लाई कर्मी काम नहीं करना चाहते हैं, वे लिख कर दें, जैसे ही पैसा आयेगा, उन्हें एकमुश्त भुगतान कर दिया जायेगा. वार्ता करीब डेढ़ घंटे चली, जिसमें सप्लाई कर्मियों ने प्रबंधन की शर्तें मानने से इनकार कर दिया और आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel