रांची. सन 2001 एक में टेलीविजन पर धारावाहिक आया करता था. नाम था ऑफिस-ऑफिस, दिग्गज अभिनेता पंकज कपूर अभिनीत इस धारावाहिक में देश के सरकारी कार्यालयों में अपनी समस्या लेकर उसका समाधान ढूंढ़ने के लिए पहुंचे आम नागरिक(मुसद्दीलाल) की पीड़ा को व्यंगात्मक और रोचक तरीके दर्शाया गया था. ‘झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ की लाभुक महिलाओं का हाल भी उसी ‘ऑफिस-ऑफिस’ के ‘मुसद्दीलाल’ जैसे हो रखा है. फिलहाल, बात रांची जिला की करते हैं, जहां लाभुक महिलाएं ‘मंईयां सम्मान योजना’ का लाभ लेने की आस में अंचल कार्यालयों के धक्के खा रही हैं.
अंचल कार्यालयों के लगा रहीं चक्कर, योजना के संबंध में पूछने पर कोई भी सीधे मुंह बात नहीं करता
‘प्रभात खबर’ की टीम अरगोड़ा अंचल कार्यालय का जायजा लेने पहुंची. यहां ‘मंईयां सम्मान योजना’ से वंचित कुछ महिलाएं मिलीं. सभी महिलाएं सरकारी दफ्तर के अधिकारियों की कार्यशैली से निराश और नाराज दिखीं. पूछने पर बताया कि तीन महीने से कार्यालय के चक्कर लगा रही हैं. अंचल अधिकारी तो कभी ऑफिस में मिलते नहीं हैं. जो कर्मचारी-पदाधिकारी मिलते हैं, वे भी सीधे मुंह बात नहीं करते हैं. महिलाएं बताती हैं- हमारे प्रमाण पत्रों का सत्यापन तो हो चुका है, लेकिन राशि खाते में नहीं आ रही है. जब भी समस्या लेकर अंचल कार्यालय में आती हैं, एक टेबल से दूसरे टेबल दौड़ाया जाता है. आखिर कहां जायें, जहां योजना का लाभ मिल सके? कई महिलाओं ने शिकायत थी की उनके खाते में एक बार राशि आयी, उसके बाद राशि आना बंद हो गयी. दोबारा सत्यापन भी कराया, लेकिन इसके बावजूद राशि नहीं आ रही.
रांची में 3.25 लाख लाभुक जुड़े, 91 हजार का हो रहा आधार सीडिंग
जिला प्रशासन से मिले आंकड़े के अनुसार रांची जिला में 3.25 लाख महिलाओं (आधार सीडिंग) को मंईयां सम्मान योजना का लाभ मिल रहा है. वहीं, 91 हजार महिलाओं के आधार सीडिंग की प्रक्रिया चल रही है. इसमें से कुछ का आधार सीडिंग हो भी चुका है.
प्रभावित महिलाओं ने कहा
मंईयां सम्मान योजना से संबंधित सारे कागजात जमा कर चुकी हूं. एक बार के बाद दोबारा राशि खाते में नहीं आयी. यही जानने के लिए कार्यालय के चक्कर लगा रही हूं, लेकिन कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है.
– सारा, मणिटोला::::::::::::::::
मेरे सारे कागजात का सत्यापन हो चुका है. दो महीने से कार्यालय के चक्कर लगा रही हूं. बस एक टेबल से दूसरे टेबल भेजा जा रहा है. कोई बता नहीं रहा आखिर योजना की राशि कब मिलेगी?– तराना, मणिटोला
::::::::::::::::लगातार अंचल कार्यालय और आंगनबाड़ी के चक्कर लगा रही हूं. तीन महीने से बस यही सुन रही हूं कि अधिकारी से बात कर लें. लेकिन, तीसरी बार कार्यालय आने पर भी अधिकारी नहीं मिले.
– ममता देवी, हुंडरू::::::::::::::::
अंचल कार्यालय में आने पर अंचल अधिकारी के बारे में कोई नहीं बताता. कोई यह भी बताने को तैयार नहीं है कि हमारी समस्या का समाधान कब होगा? केवल तारीख पर तारीख दी जा रही है.– सुरभि, डोरंडा
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