पूर्व निगम आयुक्त पर फेंकी गयी थी स्याही, वर्तमान आयुक्त के लेनदेन विषय का ऑडियो हो रहा वायरल सफाई कर्मियों ने हड़ताल के दौरान कार्यालय परिसर में फेंका था मैला विभाग ने भी सफाई कार्य एजेंसी का अनुबंध किया रद्द सहरसा. कोसी प्रमंडलीय क्षेत्र के जिला मुख्यालय सहरसा को नगर परिषद के नगर निगम में बनने के बाद विवादों से इसका पीछा नहीं छूट रहा है. आये दिन जहां सफाई कर्मियों की हड़ताल आम बात हो गयी है. वहीं निगम चुनाव के बाद से ही नगर आयुक्त के साथ महापौर का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. नगर आयुक्त के पदस्थापन के बाद से विवादों का नाता नगर निगम से जुड़ता जा रहा है. पूर्व नगर आयुक्त मुमुक्षु चौधरी एवं महापौर का विवाद खत्म हुआ नहीं कि वार्ड पार्षद प्रतिनिधि द्वारा नगर आयुक्त के चेहरे पर काली स्याही फेंकी गयी. यह विवाद थमा तो नगर आयुक्त मुमुक्षु चौधरी का स्थानांतरण कर दिया गया. साथ ही नगर उपायुक्त अनुभूति श्रीवास्तव को तत्काल नगर आयुक्त की जिम्मेदारी दी गयी. लेकिन थोडे दिनों के बाद उनका भी स्थानांतरण कर दिया गया व सुशील कुमार मिश्रा को नगर आयुक्त बनाया गया. उनके योगदान के बाद लोगों को आशा जगी कि अब नगर निगम का कार्य सही तरीके से हो सकेगा. लेकिन लोगों की आशा धीरे-धीरे खत्म होने लगी. इस बीच वर्तमान नगर आयुक्त व महापौर के निजी सचिव के बीच विभागीय लेनदेन मामला का ऑडियो वायरल हो रहा है. वहीं सफाई कर्मियों द्वारा भी जो पूर्व में कभी नहीं किया गया, वह पिछले दिनों सफाई कर्मी द्वारा पूरे नगर निगम कार्यालय में मैला फेंक कर किया गया. हालांकि बाद में उसकी सफाई कर दी गयी. लेकिन यह भी कलंक नगर निगम के साथ जुड़ गया. इन दिनों वर्तमान नगर आयुक्त व महापौर के निजी सचिव का लेनदेन का वायरल ऑडियो सुर्खियों में है. हालांकि प्रभात खबर इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है. इसकी सत्यता बिना जांच के पता नहीं किया जा सकता. इस बाबत जब नगर आयुक्त सुशील कुमार मिश्रा के मोबाइल पर संपर्क का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल स्वीच ऑफ आ रहा था. वहीं महापौर ने कहा कि एक वायरल ऑडियो में नगर आयुक्त द्वारा विभाग से ऑर्डर खरीदने नहीं तो एजेंसी में एक निगम पार्षद सहित कुछ लोगों को साझेदारी दिलवाने की बात सुनी जा रही है. इसकी जांच होनी चाहिए एवं कार्रवाई होनी चाहिए. सफाई एजेंसी से विवाद के बाद ऑडियो वायरल मिल रही जानकारी के अनुसार महापौर एवं नगर आयुक्त के बीच विवाद का कारण सफाई एजेंसी के भुगतान को लेकर शुरू हुआ. सफाई एजेंसी का भुगतान नहीं होने पर सफाई कर्मियों द्वारा दो माह के वेतन भुगतान की मांग को लेकर हड़ताल शुरू किया गया. जिसको लेकर नगर आयुक्त ने सफाई एजेंसी एम ऑफ पीपल को सफाई व्यवस्था जारी रखने का निर्देश दिया. जिसके बाद भी हड़ताल जारी रहने पर नगर आयुक्त ने गलत अनुबंध को आधार बनाकर सफाई एजेंसी पर कार्रवाई करते एजेंसी को रद्द करते विभाग को पत्र भेज दिया गया. इसके बाद नगर आयुक्त एवं महापौर के बीच विवाद गहरा गया एवं आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. महापौर ने इसकी शिकायत प्रमंडलीय आयुक्त तक से की. इस बीच नगर आयुक्त एवं महापौर के निजी सचिव के बीच वार्ता का ऑडियो वायरल हो गया. हालांकि ये किन लोगों की आवाज है, इसकी पुष्टि प्रभात खबर नहीं करता है. वायरल ऑडियो में सुना जा सकता है कि विभागीय अधिकारी से मिलें एवं लेनदेन कर मामला सुलझा लें. लेनदेन से सभी मामला निपटता है. पटना जाकर नामित अधिकारी से मिलने की बात कही जाती है. साथ ही कहा कि वहां से पत्र मिलते ही यहां सबकुछ ठीक हो जायेगा. सफाई एजेंसी ने नगर आयुक्त पर लगाया आरोप इधर एजेंसी को रद्द करने के बाद सफाई एजेंसी एम ऑफ पीपल के सत्येन्द्र कुमार ने सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग एवं अन्य को पत्र भेजकर नगर आयुक्त सुशील कुमार मिश्र पर आरोप लगाया कि नगर आयुक्त द्वारा तंग तबाह एवं दवाब डालकर वसूली के लिए परेशान करने किया जाता है. आरोप लगाया कि नगर निगम में कार्यरत उनके कर्मी के साथ गाली-गलौज एवं मानसिक तथा आर्थिक शोषण किया जा रहा है. एजेंसी से संबंधित संचिका की सारी जानकारी सुपौल के एक बिचौलिया जो नगर परिषद सुपौल में पदस्थापित रहने के दौरान इनका सहयोगी रहा है, उसे प्रति माह निर्धारित राशि देने, नही मानने पर अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहने के लिए धमकी दी जाती है. दो माह से लगातार अपने निजी वाहन एवं कार्यालय वाले वाहन में ईंधन का आपूर्ति एजेंसी के माध्यम से करा रहे है. लेकिन एजेंसी का भुगतान करने में परेशानी है. इस तरह के उन्होंने आठ आरोप नगर आयुक्त पर लगाते विभागीय सचिव को पत्र प्रेषित किया. उन्होंने कहा कि दवाब डालकर वसूली के लिए परेशान करने की नियत से बौखलाहट में अवैधानिक रूप से बिना सशक्त स्थायी समिति, सामान्य बोर्ड की बैठक में निर्णय लिए अपने आवास से कान्ट्रैक्ट रद्द करने का पत्र निर्गत किया है. विभाग ने एजेंसी को किया रद्द वहीं नगर आयुक्त द्वारा सफाई एजेंसी के अनुबंध रद्द किये जाने का पत्र विभाग को भेजा गया. जिसपर नगर विकास एवं आवास विभाग के उप सचिव राजेश कुमार तिवारी ने इकरार नामा रद्द करने संबंधी पत्र गुरुवार को जारी कर दिया. भेजे पत्र में उन्होंने कहा कि सफाई एजेंसी एम ऑफ पीपल के मासिक पारिश्रमिक के भुगतान के संबंध में मार्गदर्शन की अपेक्षा की गयी. इस बीच संज्ञान में आया कि एजेंसी के साथ संपन्न इकरारनामा को रद्द कर दिया गया है. जिस आलोक में इकरारनामा प्रबंधन बिहार वित्त नियमावली एवं समय-समय पर वित्त विभाग द्वारा इस विषय के सभी बिंदुओं पर निर्गत अद्यतन दिशा निर्देश के आलोक में भुगतान के संबंध में तर्कसंगत विश्लेषण के बाद संतुष्ट होकर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया. कहा कि एजेंसी को अधिक राशि का भुगतान प्रमाणित है तो नियमानुसार वसूली की जाय एवं विभाग को विस्तृत प्रतिवेदन समर्पित करें. जब तक नई एजेंसी का चयन नहीं हो जाता तब तक निगम कार्यालय स्तर से सफाई कार्य विभाग द्वारा निर्गत अद्यतन दिशा निर्देशों के अनुरूप सुव्यवस्थित ढंग से संपादित करें. इसमें किसी प्रकार की कोताही स्वीकार नहीं होगी, से संबंधित पत्र नगर आयुक्त को भेजा गया है.
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