रांची व गुमला में आपराधिक इतिहास के संबंध में ली जा रही जानकारी
प्रतिनिधि, नामकुम.
टाटीसिलवे थाना क्षेत्र अंतर्गत महिलौंग नमक गोदाम के समीप रांची-पुरुलिया सड़क चौड़ीकरण के लिए खोदे गये गड्ढे से पुलिस ने दो युवकों का शव बरामद किया है. वहीं गड्ढे से पुलिस ने उनकी बाइक व एक रिवाल्वर जब्त किया है. मृतकों की पहचान गुमला सिसई के डहरा गांव निवासी संदीप साहू (27) पिता करमू साहू , गोपाल साहू (25), पिता शिवलाल साहू के रूप में हुई. जानकारी के अनुसार स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची टाटीसिलवे पुलिस ने शव व बाइक को दस फीट गहरे गड्ढे से बाहर निकाला व स्थानीय लोगों से मृतकों की पहचान कराने का प्रयास किया. लेकिन सफलता नहीं मिली. पुलिस ने बाइक के रजिस्ट्रेशन नंबर व मिले मोबाइल के सहारे परिजनों को सूचना दी. मोटरसाइकिल गोपाल साहू की है.दुर्घटना या हत्या पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगा स्पष्ट :
गड्ढे से दो शव व रिवाल्वर मिलने से क्षेत्र के लोग सकते में है. कुछ लोग इसे दुर्घटना मान रहे हैं तो कइयों को कहना है कि युवकों की हत्या कर गड्ढे में फेंका गया है. मृतकों के चेहरे व सिर में चोट के निशान हैं. घटनास्थल से हथियार मिलने के बाद रांची पुलिस का कहना है कि इनका रांची में कोई आपराधिक इतिहास है कि नहीं, इसकी जानकारी ली जा रही है. गुमला पुलिस से उनके संबंध में जानकारी ली जा रही है.जांच करने आये डीएसपी :
सूचना मिलने के बाद डीएसपी मुख्यालय प्रथम अमर कुमार पांडेय घटनास्थल पहुंचे व छानबीन की. उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया दुर्घटना प्रतीत होती है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा. बताया मृतकों का पुराना आपराधिक इतिहास नहीं मिला है. आशंका जतायी जा रही है कि किसी अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक अनियंत्रित होकर गड्ढे में गिरी होगी व चोट लगने से उनकी मौत हो गयी. पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है.वहीं मृतक के परिजनों का कहना है कि बुधवार की रात 12 बजे उनकी मोबाइल पर बात हुई थी. सरहुल मिलन समारोह में शामिल होने के बाद दोनों निकले थे. टाटीसिलवे की ओर क्या करने गये थे, उन्हें नहीं पता.सड़क किनारे खोदे गये गड्ढे की वजह से होता है हादसा :
ग्रामीणों का कहना है कि रांची-पुरुलिया रोड के चौड़ीकरण कार्य करा रही कंपनी की लापरवाही की वजह से आये दिन सड़क दुघर्टनाएं होती रहती है. कंपनी गड्ढे खोदकर छोड़ देती है. न तो दुर्घटना संभावित जगहों पर साइन बोर्ड लगाया जाता है और न ही किसी प्रकार का सुरक्षा घेरा लगाया जाता है. ऐसे में हादसे की आशंका हमेशा बनी रहती है. इसके अलावा सड़कों पर नियमित पानी नहीं छिड़कने की वजह से भी वाहनों के आवागमन से काफी धूल उड़ता है. जिससे दो पहिया वाहन चालक और पैदल यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है