समीक्षा के क्रम में सिविल सर्जन ने एक दर्जन से अधिक चिकित्सकों से मांगा स्पष्टीकरण अररिया. स्वास्थ्य सेवाओं को पारदर्शी, सुलभ व अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से जिले में मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के सफल क्रियान्वयन पर विशेष जोर दिया जा रहा है. इस योजना के तहत संचालित भाव्या एप के माध्यम से मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों पर दी जा रही सेवाओं की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा रही है. जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को पेपरलेश बनाते हुए मरीजों के वेटिंग टाइम को कम करना व चिकित्सकों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है. योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर हर सोमवार सिविल सर्जन की अध्यक्षता में जिला स्तर पर इसकी समीक्षा बैठक की जा रही है. इसी कड़ी में सोमवार को जिला नियंत्रण कक्ष में भाव्या के क्रियान्वयन को लेकर आयोजित बैठक में डीपीएम संतोष कुमार, डीएमएनई पंकज कुमार, पिरामल स्वास्थ्य के प्रतिनिधि संजय कुमार व राजीव कुमार, और रॉडिक कंसल्टेंट के प्रतिनिधि निसार रागिब उपस्थित थे. वहीं वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पीएचसी व एपीएचसी स्तर के स्वास्थ्य अधिकारी बैठक से जुड़े थे. समीक्षा बैठक में ओपीडी में मरीजों के पंजीकरण, पैथोलॉजी, फार्मेसी समेत अन्य डिजिटल मॉड्यूल्स की प्रगति की गहन समीक्षा की गयी. इस क्रम में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत चिकित्सकों के कार्य निष्पादन की भी समीक्षा की गयी. सिविल सर्जन डॉ. केके कश्यप ने कहा कि सभी स्वास्थ्य संस्थान प्रमुखों को यह सुनिश्चित करना है कि वे स्वयं ओपीडी में नियमित रूप से अपनी सेवाएं दें. उसका रिकॉर्ड भाव्या एप पर संधारित होना चाहिए. इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. बीते माह सिकटी पीएचसी प्रभारी द्वारा ओपीडी सेवा का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कम रहने की वजह से सिविल सर्जन ने इस पर अपनी नाराजगी जाहिर की. इसी तरह 15 से 20 चिकित्सकों को मरीजों के अधिक वेटिंग टाइम की वजह से स्पष्टीकरण का निर्देश सिविल सर्जन ने दिया.16
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