:35- प्रतिनिधि, भरगामा भव्य व पारंपरिक वेशभूषा में शुक्रवार को शंकरपुर पंचायत के श्रीराम जानकी ठाकुरबाड़ी के सीताराम मंदिर में वार्षिकोत्सव प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के उपलक्ष्य में कलश यात्रा के साथ सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया. कलश यात्रा का नेतृत्व श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर प्रेमदास जी महाराज महात्यागी उर्फ मोनीबाबा कर रहे थे. उन्होंने बताया कि शंकरपुर पंचायत के श्रीराम जानकी ठाकुरबाड़ी के सीताराम मंदिर परिसर में वार्षिक उत्सव प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के उपलक्ष्य में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया है. जिसको लेकर 02 मई शुक्रवार को सीताराम मंदिर परिसर से पारंपरिक गाजे-बाजे के साथ 101 महिलाओं व कुआरी कन्याओं ने भव्य कलश यात्रा निकाली. बैंड बाजे की धुन पर कलश सिर पर रखी कन्याओं ने भगवान सीताराम, राधे कृष्ण के गीत गाते हुए नृत्य भी कर रही थी. कलश सिर पर रखी कन्याओं ने सीताराम मंदिर परिसर से कलश लेकर पूरे गांव का परिक्रमा करते हुये लछहा नदी के तट पर पहुंचा. इस कलश यात्रा में करीब सैकड़ो लोगों की भीड़ थी. इस कलश यात्रा में मुरली सिंह व उनकी धर्मपत्नी रेणु देवी व संत प्रेम दास उर्फ मोनीबाबा,उत्तम दास,कमल दास, मुरारी दास, जानकी दास आगे चल रहे थे. तेज धूप के कारण इस कलश यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को लोगों ने जगह-जगह पानी, शरबत पिलाते नजर आये. कलश यात्रा संपन्न होने के बाद संध्या को चार बजे आरती के साथ शुरू किये गये श्रीमद्भागवत कथा में मुख्य कथावाचक श्रीधाम वृंदावन के आचार्य रुचिर शास्त्री जी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को सर्वप्रथम इसकी महिमा से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि विश्व में सभी कथाओं में श्रीमद्भागवत कथा श्रेष्ठ मानी गयी है. जिस स्थान पर इस कथा का आयोजन होता है वो तीर्थ स्थल कहलाता है. इसको सुनने व आयोजन मात्र से हीं सौभाग्य प्रभु प्रेमियों को मिलता है.
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